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श्रीनगर के डिप्टी मेयर शेख इमरान ने विवादित टिप्पणी की, नाम के आगे लगाया 'मुजाहिद'

श्रीनगर के डिप्टी मेयर शेख इमरान ने विवादित टिप्पणी की, नाम के आगे लगाया मुजाहिद

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok sabha...Editor

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok sabha elections 2019) में बीजेपी के 'मैं भी चौकीदार' पर निशाना साधते के दौरान श्रीनगर नगर निगम के डिप्टी मेयर शेख इमरान ने विवादित टिप्पणी की है. शेख इमरान ने 'मैं भी चौकीदार' की तर्ज पर अपने नाम के आगे मुजाहिद जोड़ लिया है. साथ उन्होंने अपने समर्थकों से भी अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर अपने नाम के आगे मुजाहिद लगा लें. सोशल मीडिया पर इमरान की इस हरकत की काफी निंदा हो रही है. इसके बाद भी वे अड़े हुए हैं.

उन्होंने यहां एक बयान में कहा, ''मुजाहिद' शब्द का मतलब जिहाद (पवित्र लड़ाई) में शामिल होने वाले से है और वह बुराई के खिलाफ हमला करने और सच्चाई की वकालत करने वाला रक्षक है. सभी मुसलमानों को 'मुजाहिद' होना चाहिए और इस शब्द का इस्तेमाल करने में कोई नुकसान नहीं है. जिहाद दुश्मन के खिलाफ एक आध्यात्मिक लड़ाई है. मीडिया के कुछ वर्गों ने हमारे धर्म की गलत व्याख्या की है.''

इमरान के मुताबिक, मीडिया हमेशा 'मुजाहिद' शब्द का इस्तेमाल नकारात्मक तरीके से करता है.

कांग्रेस के सहयोग से श्रीनगर नगर निगम में डिप्टी मेयर बनने वाले शेख मुहम्मद इमरान आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के भी करीबी हैं. इमरान ने अपने ट्वीटर हैंडल पर अपने नाम के आगे मुजाहिद जोड़ लिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना कश्मीरी युवकों से कहा कि वह चौकीदार का जवाब मुजाहिद से दें. सभी अपने नाम के आगे मुजाहिद लिखें. उन्होंने कहा कि मुजाहिद का मतलब धर्मयोद्धा होता है, जो इस्लाम के दुश्मनों से लड़े.

डिप्टी मेयर द्वारा मुजाहिद शब्द के इस्तेमाल के लिए लोगों को उकसाने पर स्थानीय हलकों में तीखी प्रतिक्रिया हुई है. इसे उनकी सांप्रदायिक मानसिकता का प्रतीक बताया जा रहा है.

इस विवाद पर इमरान ने कहा कि आज सब अपने नाम के आगे चौकीदार लिखे हुए हैं. मैं कश्मीर के हवाले से इतना ही कहूंगा कि मैं आज से अपने नाम के आगे मुजाहिद लिख रहा हूं. उन्होंने कहा कि मुजाहिद का मतलब है जो बुराइयों के खिलाफ आध्यात्मिक लड़ाई लड़े. इस्लाम एक शांति का मजहब है, लेकिन इसमें उन लोगों से जंग की बात भी है जो इस्लाम को नुकसान पहुंचाए.

साथ ही उन्होंने लोगों से चुनाव बहिष्कार के आह्वान को नकारने हुए मतदान की अपील की है. उन्होंने कहा कि इस्लाम के नाम पर पैदा हुए पाकिस्तान समेत बहुत से इस्लामिक मुल्कों में वोट डाले जाते हैं. हमें कश्मीर में भी वोट के हक का इस्तेमाल करना चाहिए.

इमरान के कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए पत्रकार बिलाल ने कहा कि यह सांप्रदायिक आधार पर इन शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं. अगर उन्हें भाजपा की सांप्रदायिक सियासत पसंद नहीं है तो वह क्यों मुस्लिमों की सांप्रदायिक भावना को भड़का रहे हैं.

पहले भी विवादों में रहे हैं इमरान

श्रीनगर नगर निगम के डिप्टी मेयर शेख इमरान इससे पहले भी अपनी हरकतों और बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं. कांग्रेस की मदद से डिप्टी मेयर का एक वीडियो इसी साल वायरल हुआ था, जिसमें वे पाकिस्तानी सेना और वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ संबंध की बात कह रहे हैं. इमरान ये कहते हुए सुनाई पड़ते हैं कि पाकिस्तान की फौज और खुफिया एजेंसी आईएसआई से उसके संबंधों में कितनी गहराई है.

कथित वीडियो में श्रीनगर के डिप्टी मेयर शेख इमरान ये कहते हुए सुनाई देते हैं कि किस तरह से वह अपने राजनीतिक विरोधियों को ठिकाने लगा देते थे. जो वीडियो सामने आया है उसमें शेख इमरान जो खुलासा कर रहा है उससे उनके नापाक इरादों को पता चलता है. इस वीडियो में इमरान श्रीनगर के मेयर जुनैद अजीम मट्टू और सांसद सज्जाद लोन को रास्ते से हटाने की बात करते सुने गए थे. हालांकि इस वीडियो की सत्यता की कोई पुष्टि नहीं है.

मालूम हो कि लोकसभा चुनाव 2019 के प्रचार में जम्मू कश्मीर के ज्यादातर बड़े नेता विवादित बयान दे रहे हैं. फारुख अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के लिए अलग प्रधानमंत्री की बात कह रहे हैं. बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने का वादा किया है. इस बात पर जम्मू-कश्मीर के सारे बड़े नेता आपत्ति जता रहे हैं.

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