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कश्मीर घाटी में श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार खत्म हो चुका,फार्रुख अब्‍दुल्‍ला का मुकाबला नए चेहरों से

कश्मीर घाटी में श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार खत्म हो चुका,फार्रुख अब्‍दुल्‍ला का मुकाबला नए चेहरों से

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कश्मीर घाटी में श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है. अनुभवी राजनेता और राज्य दिग्गज नेता फारूख अब्दुल्ला का सामना नए राजनेताओं से हो रहा है. श्रीनगर का चुनाव दूसरे चरण में गुरुवार को होगा. श्रीनगर शहर 12 लाख लोगों की आबादी वाला क्षेत्र है. श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र के तीन जिलों में से एक है. इसके साथ गांदरबल और बडगाम ज़िले भी मतदान करेंगे.

श्रीनगर में कुल मतदाता 12,94,560 हैं जिनमें पुरुष 6,67,252, महिलाएं 6,27,282, ट्रांसजेंडर 26 हैं. क्षेत्र में कुल मतदान केन्द्र 1,716 रखे गए. मतदान और मतदाताओं के लिए करीब 100 सीआरपीएफ की कंपनियां तैनात रहेंगी. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान भी मतदान ड्यूटी में रहेंगे. श्रीनगर जिला कमिश्नर शहीद चौदरी के मुताबिक जो इस संसदीय क्षेत्र के रिटर्निंग अफसर भी हैं "निष्पक्ष चुनाव करने के लिए हर किस्म के सुरक्षा इंतज़ाम किये गए हैं."

श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में अब भी प्रशासन के लिए मतदान होना एक बड़ी चुनौती है. श्रीनगर में मुकाबला एनसी अध्‍यक्ष राज्य के दिग्गज नेता फारूख अब्दुल्ला और नए राजनैतिक चेहरों के बीच है. फारूख के परिवार में मां अकबर जहान, उसका बेटा उमर अब्दुल्ला सहित परिवार की जीत इस सीट से 5 बार हो चुकी है.

2014 में लोकसभा चुनाव में, पीडीपी के तारिक हमीद कारा ने अब्दुल्ला को उनके गढ़ से हराकर अपनी अपनी जीत दर्ज की थी. लेकिन पीडीपी के खिलाफ चल रही नाराज़गी के कारण उन्होंने लोकसभा से इस्तीफे दिया था, जिसने फारूख अब्दुल्ला को 2017 के उपचुनाव में जीत दिलाई. एनसी मुखिया फारूख अब्‍दुल्‍ला ने हर भाषण में अनुच्छेद 370 पर बात की और मोदी पर हमला किया.

17वीं लोकसभा के लिए मुकाबला तीन बार के मुख्यमंत्री अब्दुल्ला और तीन बार के लोकसभा सदस्य और 11 अन्य उम्मीदवारों के बीच होगा, जो राजनीतिक दुनिया में नए है. आगा सैयद मोहसिन, जो 2014 में इस क्षेत्र से आज़ाद प्रत्‍याशी थे और बाद में 2017 में पीडीपी में शामिल हो गए थे. वह महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के उम्मीदवार हैं. पीडीपी, भाजपा के साथ गठबंधन सरकार बनाये के बाद अपनी खोई ज़मीन वापिस लाने के लिए संघर्ष कर रही है.

पीडीपी प्रतियाशी आगा सैयद मोहसिन कहते हैं "मुझे जीत की पूरी उम्मीद है. लोग सब जानते हैं और मुझे पूरी उम्मीद है कि जीत मेरे हिसे में आएगी." वहीं बीजेपी के प्रत्‍याशी शेख खालिद जहाँगीर हैं. खालिद कहते हैं कि उन्‍होंने कोई बड़ी रैली तो नहीं की, मगर डोर-टू-डोर प्रचार में लगे रहे. खालिद मानते हैं कि कश्मीर की इस हालत के ज़िम्मेदार यहां के राजनेता हैं जिन्होंने लोगों को झूठे सपने दिखाए. वह मानते हैं कि केवल मोदी ही कश्मीर में खुशहाली और विकास के साथ यहां की युवा पीड़ी को देश से जोड़ सकते हैं.

बीजेपी के खालिद जहांगीर कहते हैं, "फारूख अब्‍दुल्‍ला मेरे बचपन से चहेते नेता रहे, मगर अब उनकी लोकप्रिता काम हुई है. उनकी चुनावी सभा हज़ारों से कुछ सौ तक सिकुड़ गई है. वह कहते हैं कि मैं लोगों को झूठे सपने नहीं दिखाता हूं. बस यह कहता हूं कि यहाँ के युवाओं को अगर कोई देश से जोड़ सकता है तो वो केवल मोदी हैं.

सजाद लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस दल के उम्मीदवार इरफान अंसारी है जो राजनीति में पहली बार किस्मत आज़मा रहे हैं. प्रभावशाली शिया परिवारों के दोनों पीडीपी के सदस्य मोहसिन और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के इरफ़ान अंसारी, बडगाम और श्रीनगर के कुछ हिस्सों में शिया मतदाताओं के वोट शेयर को विभाजित करने की संभावना रखते हैं, जो दूसरे दलों को फ़ायदा देगा.

गौरतलब है कि 2017 में उपचुनाव में श्रीनगर इस संसदीय क्षेत्र में केवल 7 प्रतिशत का मतदान हुआ था. विरोध प्रदर्शनों में 8 नागरिकों की मौत हो गई थी, जिसके कारण अनंतनाग संसदीय क्षेत्र का चुनाव रद्द करना पड़ा था.

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