आप भी जी सकते है नरेंद्र मोदी जैसी हेल्दी लाइफ, बस करे ये उपाय
- In देश 2 May 2019 9:41 AM IST
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रिय अभिनेता अक्षय कुमार के साथ गैर राजनीतिक बातचीत काफी चर्चा में रही। इसमें स्वास्थ्य को लेकर भी कुछ प्रश्न पूछे गए। जवाब में, प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक जीवनशैली को अपनी फिटनेस का राज बताया। इन्हीं बिंदुओं पर विवेक शुक्ला ने बात की आयुर्वेद विशेषज्ञ और निरामय अस्पताल, भंडारा, नागपुर के डॉ. उल्हास बुराडे महाजन से...
प्रधानमंत्री आयुर्वेद को बहुत महत्व देते हैं। क्या इस वैज्ञानिक युग में केवल आयुर्वेद के बूते स्वस्थ रहना संभव है?
आयुर्वेद एक पूरा विज्ञान है। आयुर्वेद का अर्थ ही है-वह विज्ञान जो जीवन बढ़ाए। आयुर्वेदिक औषधियां और चिकित्सा-सूत्र आज भी उतने ही कारगर हैं। बाकी चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग रोग होने के बाद शुरू होता है। आयुर्वेद की खासियत यह है कि यह रुग्ण होने से बचाने के सूत्र भी देता है। इनका पालन कर व्यक्ति शतायु हो सकता है।
प्रधानमंत्री का कहना है कि जुकाम होने पर वे एक-दो दिन का उपवास रखते हैं। क्या उपवास निरोगी रखने में कारगर है?
आयुर्वेदिक ग्रंथ उपवास को बहुत महत्व देते हैं। आयुर्वेद में इसे लंघन कहा गया है। गलत खानपान से हमारे शरीर में दोष और विकारों का संचय होता रहता है। यही बाद में रोगों का कारण बनते हैं। उपवास के दौरान पेट में अन्न न पहुंचने से इन दूषित अपशिष्टों का पाचन हो जाता है और रोग पैदा होने की प्रक्रिया वहीं रुक जाती है। उपवास इसी अर्थ में महाऔषधि है। हमारे देश में एकादशी उपवास की परंपरा रही है। साल की सभी चौबीस एकादशियों में से निर्जला एकादशी सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री जुकाम होने पर गर्म पानी पीते हैं। क्या गर्म पानी का औषधीय महत्व है?
गर्म पानी या कुनकुना पानी अत्यंत हितकारी है। गर्म पानी के सेवन से भोजन सुपाच्य हो जाता है। आयुर्वेद के अनुसार उबाल कर ठंडा किया पानी गले के लिए हितकारी, पाचन शक्ति को तेज करने वाला, सांस रोग,मोटापा और खुजली दूर करने में सहायक है। गर्म पानी बुखार को शांत करने वाला तथा कफ और वात रोगनाशक होता है। इससे सीने के दर्द में राहत मिलती है और खांसी-जुकाम आदि भी दूर होते हैं, लेकिन गर्म पानी के साथ कुछ सावधानियां भी जरूरी हैं। जैसे- दिन में गर्म किया पानी रात में न पिएं। दिन या रात में उबला पानी प्रात:काल नहीं पीना चाहिए। दरअसल, दिन में उबला पानी रात में भारी हो जाता है। रात का उबला पानी अगले दिन पीना कब्जकारक होता है।
नाक में तेल डालने से जुकाम क्या सचमुच ठीक होता है?
बिल्कुल। आयुर्वेद में इसे नस्य विधि कहा जाता है। इसे पूरे जीवनकाल में रोज व्यवहार में लाया जाना चाहिए। रोजाना नाक में दो बूंद गाय का घी अथवा तिल या सरसों के तेल डालने के कई लाभ हैं। इसके लिए शुरू में किसी वैद्य से मार्गदर्शन लेना चाहिए। नियमित रूप से नाक के अंदर तेल लगाने से आंखों, बालों, नाक और सिर की सुंदरता बढ़ जाती है। सर्दी-जुकाम, और माइग्रेन में राहत मिलती है।
प्रधानमंत्री साढ़े तीन घंटे सोते हैं जबकि 6 से 7 घंटे की नींद जरूरी मानी जाती है। क्या यह संभव है 3-4 घंटे में ही नींद पूरी हो जाए?
प्रत्येक व्यक्ति की प्रकृति भिन्न है। वात, पित्त, कफ से सात प्रकार की प्रकृतियों का निर्माण होता है। अमूमन, नींद 6 से 8 घंटे में पूरी होती है। पित्त दोष प्रबल होने पर व्यक्ति को प्राय: अधिक नींद नही आती, लेकिन यदि आप योग और प्राणायाम का नियमित अभ्यास करते हैं, तो इससे मन की वृत्तियों पर काबू पाना आसान हो जाता है। नींद की जरूरत तभी होती है जब मन थक जाता है। योग और प्राणायाम से मन में विचारों का उबाल नियंत्रित हो जाता है, इसलिए भी मन नहीं थकता। इस प्रकार, कम सोकर भी व्यक्ति अधिक ऊर्जावान महसूस कर सकता है।