आतंकी हमले का खतरा अमरनाथ यात्रा: एक जुलाई
- In देश 15 Jun 2019 4:04 PM IST
अमरनाथ यात्रा पर हमले का खतरा मंडरा रहा है. 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे और अब अनंतनाग में आतंकी हमला हुआ है, जिसमें सीआरपीएफ के 5 जवान शहीद हो गए हैं. ये दोनों आतंकी हमले जहां पर हुए, वो अमरनाथ यात्रा रूट पर पड़ते हैं. अमरनाथ यात्रा एक जुलाई से शुरू हो रही है. इसके मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और सुरक्षा बल कश्मीर में आतंकियों का लगातार सफाया कर रहे हैं. इस साल अब तक 112 आतंकी मारे जा चुके हैं. भारतीय सुरक्षा बलों की कार्रवाई से पाकिस्तान परस्त आतंकी बौखलाए हुए हैं और वो इस बौखलाहट में किसी हद तक जा सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक आतंकी अमरनाथ यात्रा के दौरान फिदायीन हमले कर सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा की बजाय छोटे-छोटे पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठन जैसे अल बद्र और अल उमर मुजाहिदीन सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देकर अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में लगे सुरक्षा बलों को निशाना बना सकते हैं.
इस खतरे को भांपते हुए सुरक्षा बलों और गृह मंत्रालय ने इस साल अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. सुरक्षा महकमे से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार इस बार की अमरनाथ यात्रा में 350 से ज्यादा अर्द्धसैनिक बलों की कंपनियां सुरक्षा में तैनात की जाएंगी. अमरनाथ यात्रा को लेकर गृह मंत्रालय और सुरक्षा बलों ने बड़ी तैयारी की है.
दरअसल पुलवामा हमले के बाद सुरक्षा बलों ने कई तरीके के स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम (एसओपी) को बदला है. सूत्रों ने आजतक को बताया कि जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को बिना असुविधा दिए यात्रा के दौरान उनके ट्रैफिक को रोका जाएगा. साथ ही यात्रा के दौरान कम संख्या में काफिले में गाड़ियों को शामिल किया जाएगा. इस साल ज्यादा संख्या में बुलेट प्रूफ और एमपीवी गाड़ियों को शामिल किया जाएगा.
इस साल पहलगाम और बालटाल दोनों रूट पर आरओपी और एंटीसबोटाज टीम (Anti-Sabotage Team) की संख्या बढ़ाई गई है. यात्रा रूट पर आईईडी के खतरे को देखते हुए बीडीटी टीम की संख्या दोगुनी की गई है. साथ ही 40 ऐसे नए एक्सपर्ट को लगाया जा रहा है, जिन्होंने हाल ही में आईईडी से निपटने की खास ट्रेंनिग ली है. यात्रा रूट पर सीसीटीवी कैमरा और ड्रोन की संख्या दोगुनी की जाएगी. आरएफ टैगिंग के लिए ज्यादा संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया जाएगा. साथ ही हर प्राइवेट गाड़ी का भी आरएफ टैगिंग किया जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने अमरनाथ यात्रा को ज्यादा हाईटेक करने के लिए 55 करोड़ रुपये अतिरिक्त जारी किए हैं. पहलगाम के नुनवान कैंप और बालटाल कैंप की सुरक्षा के लिए स्पेशल कमांडो तैनात किए जाएंगे. सीआरपीएफ ने बुलेट प्रूफ एंटीमाइन व्हिकल की संख्या इस साल डबल कर दिया है. इसके अलावा यात्रा रूट पर सीएसआरवी व्हिकल यानी (क्रिटिकल सिचुएशन रेपोन्स व्हिकल) की तादाद बढ़ाई जाएगी.
हर एक यात्री को तभी यात्रा के लिए जाने दिया जाएगा, जब उसके पास यात्रा परमिट का रजिस्ट्रेशन के दौरान दिया गया पास होगा. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा बलों के कैंप पर फिदायीन हमला कर सकते हैं. इसलिए सुरक्षा बलों के कैंप को तीन स्तरीय सुरक्षित करने के निर्देश दिए गए हैं. ग्रेनेड अटैक के खतरे से निपटने के भी निर्देश दिए गए हैं.
आतंकियों के द्वारा एपीआईसी हथियारों के प्रयोग के चलते खतरा ज्यादा है. इसलिए सुरक्षा में तैनात कमांडों को इससे निपटने की खास ट्रेंनिग दी गई है. इतना ही नहीं, अमरनाथ यात्रा के दौरान पत्थरबाजी हो सकती है और सोशल मीडिया पर भड़काने वाले बयान दिए जा सकते है, इसलिए सीआरपीएफ ने सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीम तैयार की है, जो हर एक पहलू पर नजर रखेगी.
सूत्रों का कहना है कि 6 स्पेसलाइज्ड क्यूएटी यानी क्विक एक्शन टीम तैनात की जाएगी, जिसका प्रयोग आतंकी हमले के समय किया जा सकता है.