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लोकसभा चुनाव 2019 में बुंदेलखंड के बांदा जिले में 90 फीसदी से अधिक मतदान कराने का लक्ष्‍य लिया गया

लोकसभा चुनाव 2019 में बुंदेलखंड के बांदा जिले में 90 फीसदी से अधिक मतदान कराने का लक्ष्‍य लिया गया

लोकसभा चुनाव 2019 में मतदाताओं...Editor

लोकसभा चुनाव 2019 में मतदाताओं का रुझान बीजेपी के पक्ष में लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्‍तर प्रदेश के बांदा में चुनावी रैली करने जा रहे हैं. बुंदेलखंड का बांदा जिला इन दिनों एक और वजह से प्रदेश में सुर्खियों में बना हुआ है. यह वजह है बांदा के जिलाधिकारी हीरा लाल का प्रण. दरअसल, बांदा के जिलाधिकारी हीरालाल ने यह प्रण लिया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में वे अपने जनपद में 90 फीसदी से अधिक मतदान कराएंगे. अपने इस प्रण को पूरा करने के लिए उन्‍होंने जिले में एक जागरूकता अभियान चलाया है. जिसके तहत, चुनाव ड्यूटी में लगे सरकारी कर्मी लगातार ग्रामीण इलाकों में भ्रमण कर लोगों को मतदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं.नौकरी की तलाश में दूसरे प्रदेश गए लोगों को मतदान के लिए बांदा आने का आहृवाहन बुंदेलखंड का बांदा जिला भी उन इलाकों में एक है, जहां से भारी तादाद में लोग नौकरी की तलाश में दूसरे प्रदेशों को पलायन कर चुके हैं. अब इन लोगों को वापस बुलाए बिना जिलाधिकारी हीरालाल का प्रण पूरा नहीं हो सकता है. लिहाजा, प्रशासन ने सूची तैयार की है, जिसमें हर उस शख्‍स का नाम शामिल है जो नौकरी की तलाश में अन्‍य प्रदेशों को पलायन कर चुके हैं. प्रशासन की एक टीम इन लोगों से फोन पर संपर्क कर मतदान के लिए बांदा आने की अपील कर रहे हैं. जिला प्रशासन की इस अपील का असर भी दिखने लगा है. सोशल मीडिया में कई ऐसे नौजवानों ने अपनी तस्‍वीरें पोस्‍ट की हैं, जिसमें मतदान के लिए बांदा आने की बात कही गई है. महिला को मतदान के लिए पोलिंग बूथ तक लाने के लिए प्रशासन का विशेष अभियानबीते चुनावों की समीक्षा के बाद जिला प्रशासन को यह आभास हुआ कि बांदा जिले में महिलाओं की जनसंख्‍या के अनुपात में मतदान का प्रतिशत बहुत अच्‍छा नहीं है. महिलाओं को मतदान केंद्र तक लाने के लिए जिला प्रशासन ने एक विशेष अभियान चलाया है. जिसके तहत, प्रशासन की महिला कर्मी गांव-गांव जाकर महिलाओं से संपर्क कर रही है. उन्‍हें बताया जा रहा है कि उनके एक वोट की अहमियत क्‍या है. बांदा की महिला शक्ति मतदान के जरिए न केवल अपनी, बल्कि अपने इलाके की तस्‍वीर बदलने में किस तरह अहम भूमिका अदा कर सकती हैं. इतना ही नहीं, जिलाधिकारी ने महिला चुनाव कर्मियों को यह लक्ष्‍य भी दिया है कि उनकों कम से कम इतनी महिलाओं को मतदान केंद्र तक लेकर आना ही है. दूसरे जिलों में काम करने वाले मजदूरों को वापस लाने के लिए निकले बांदा श्रमायुक्‍तबांदा में 90 प्रतिशत से अधिक के मतदान का लक्ष्‍य पूरा करने के लिए बांदा प्रशासन हर संभव कोशिश में लगा हुआ है. इन दिनों श्रमायुक्‍त कार्यालय की एक टीम उन‍ जिलों का दौरा कर रहे हैं, जहां पर बांदा के लोग मजदूरी का काम कर रहे हैं. इसी क्रम में बांदा के उपश्रमायुक्‍त अनुराग मिश्र बीते दिनों रायबरेली पहुंचे. जहां उन्‍होंने ईट भट्ठा मालिकों से साथ बैठक की. उन्‍होंने ईट भट्ठा मालिको को इस बात के लिए राजी किया कि वे मतदान के लिए मजदूरों को बांदा आने के लिए छुट्टी देंगे. इसी तरह, श्रमायुक्‍त कार्यालय की एक टीम समीपवर्ती जिला फतेहपुर पहुंची. जहां पर इसी तरह की एक बैठक कर वहां मौजूद बांदा के निवासियों से अपने गृह शहर में आकर वोट की अपील की गई. मतदान की अपील के लिए स्‍कूली बच्‍चे भी जिलाधिकारी की मुहिम में हुए शामिलजिलाधिकारी हीरालाल की इस मुहिम की महत्‍ता को समझते हुए अब जिले के तमाम स्‍कूल भी 90प्‍लस मतदान की मुहिम में शामिल हो गए हैं. शिक्षण संस्‍थानों के शिक्षक, शिक्षिकाएं और बच्‍चे लगातार गांव-गांव जाकर लोगों को मतदान के प्रति जागरूक कर रहे हैं. इतना ही नहीं, जिला प्रशासन इन दिनों देश की उन दुर्लभ तस्‍वीरों को सोशल मीडिया सहित अन्‍य माध्‍यमों के जरिए लोंगों तक पहुंचा रहे है, जिसमें विपरीत परिस्थितियों के बावजूद लोग वोट देने के लिए पहुंचे हैं. इन तस्‍वीरों में एक तस्‍वीर ऐसी भी है, जिसमें एक युवक के दोनों हाथ नहीं हैं और वह अपने पैर के अंगूठे से मतदान कर रहा है. अब देखना यह है कि बांदा जिलाधिकारी हीलालाल के इस ईमानदार प्रयास को बांदा की जनता कितना सफल बनाती है.

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