अमित शाह के कारण CJI रंजन गोगोई को दर्शन के लिए करना पड़ा इंतजार, दो पुलिस अफसर सस्पेंड
- In देश 22 Oct 2018 3:22 PM IST
भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई की कामाख्या मंदिर की हाल की यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा में चूक को लेकर असम सरकार ने शनिवार को गुवाहाटी पश्चिम के पुलिस उपायुक्त (Deputy Commissioner of Police) और कामरूप जिले के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर (Additional Deputy Commissioner) को निलंबित कर दिया. गृह विभाग द्वारा राज्यपाल के नाम पर जारी आदेश के मुताबिक अखिल भारतीय सेवा नियम 1969 के नियम 3 (1) के तहत डिप्टी कमिश्नर भंवर लाल मीणा और एडिशनल डिप्टी कमिश्नर प्रसांत प्रतीम कठकोटिया को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. आदेश पर गृह विभाग के सचिव दीपक मजूमदार के हस्ताक्षर हैं. गौरतलब है कि सीजेआई रंजन गोगोई और उनकी पत्नी बीते बुधवार को कामाख्या मंदिर गए थे, उस वक्त भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित वीवीआईपी और अन्य श्रद्धालु भी पूजा अर्चना के लिए वहां थे. अंग्रेजी अखबार द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ असम के सीएम सर्वानंद सोनोवाल, वित्त मंत्री हेमंत बिस्व शर्मा और कई अन्य पार्टी नेता भी दर्शन करने कामाख्या मंदिर पहुंचे थे.
सीजेआई ने कामरूप के कमिश्नर से जताई नाराजगी
CJI रंजन गोगोई और उनकी पत्नी बीते 17 अक्टूबर को गुवाहाटी आए थे. उनके कार्यक्रम के बारे में सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी संबंधित महकमों को सूचित किया था. अखबार द हिंदू के अनुसार, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री सोनोवाल भी उसी समय कामाख्या मंदिर पहुंचे थे, जिसके कारण CJI रंजन गोगोई और उनकी पत्नी को करीब 30 मिनट तक इंतजार करना पड़ा. बाद में सीजेआई ने मंदिर में भीड़ प्रबंधन को लेकर अपनी नाराजगी से कामरूप (शहर) जिला उपायुक्त वीरेंद्र मित्तल को अवगत कराया था. इसके बाद भाजपा नीत असम सरकार ने उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करने को लेकर शनिवार को यह कार्रवाई की. गृह विभाग के आदेश में कहा गया है कि कामाख्या मंदिर में सीजेआई के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था में चूक हुई जिस वजह से उन्हें असुविधा हुई.
कांग्रेस ने कहा- राजनीतिक आकाओं को खुश करने में लगी सरकार
इधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता देवव्रत सैकिया ने CJI की यात्रा के दौरान हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना का जिक्र करते हुए रविवार को कहा कि राज्य की भाजपा सरकार अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने की हताशापूर्ण कोशिश कर रही है. असम विधानसभा में विपक्ष के नेता सैकिया ने कहा कि इस घटना ने राज्य के भाजपा शासन द्वारा अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने की हताशापूर्ण कोशिश को उजागर किया है. सैकिया ने यहां एक बयान में कहा कि यह एक बार फिर से उजागर हो गया है कि राज्य सरकार राजनीतिक शख्सियतों को खुश करने के लिए सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी को बलि का बकरा बनाया गया. विपक्षी नेता ने कहा, ''सीजेआई मंदिर के बाहर प्रतीक्षा करते रहे, जबकि राजनीतिक शख्सियतों की अंदर खातिरदारी की जा रही थी.'' उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल के तहत सीजेआई को किसी राजनीतिक शख्सियत के ऊपर तवज्जो दी जाती है.