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30 साल में आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर को नर्क बना दिया है: शिवसेना

30 साल में आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर को नर्क बना दिया है: शिवसेना

शिवसेना (Shiv sena) ने शनिवार...Editor

शिवसेना (Shiv sena) ने शनिवार को कहा कि धरती के स्वर्ग के रूप में जिस कश्मीर की पहचान है, उसे इस्लामी आतंकवादियों ने पिछले 30 वर्षों में नर्क में तब्दील कर दिया है. बम विस्फोट, गोलीबारी, रक्तपात न हुआ हो और चीत्कार सुनने को न मिली हो, ऐसा एक भी दिन कश्मीर में पिछले कई वर्षों में देखने को नहीं मिला है. बर्फ से आच्छादित हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बसे इस सुंदर नंदनवन में पाकिस्तान ने कोहराम मचा रखा है. करीब 30 वर्ष के बाद कश्मीर से पहली बार एक अच्छी खबर आ रही है.

गणतंत्र दिवस (Republic day 2019) पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना (Saamana) में आगे लिखा है कि एक समय पाक समर्थित आतंकवादियों द्वारा पूर्ण रूप से कश्मीर के जिस बारामूला जिले को खोदकर खोखला कर दिया गया था वो अब 'आतंकवाद मुक्त' घोषित किया गया है. इस कार्य के लिए हिंदुस्थानी फौजों, जांबाज अधिकारियों और जवानों की जितनी प्रशंसा की जाए वो कम है. कश्मीर की समस्त घाटी और पाकिस्तान से सटे आतंकवादग्रस्त जिलों की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए हमेशा से अशांत रहनेवाले कश्मीर घाटी के एक जिले को आतंकवादियों के कब्जे से पूर्णत: मुक्त कराना कोई सामान्य कार्य नहीं है. एक भी आतंकवादी जिस जिले में बचा न हो, ऐसे जिले के रूप में बारामूला का नाम दर्ज होना बहुत बड़ी और गौरवपूर्ण खबर है.

जम्मू-कश्मीर के पुलिस विभाग तथा अर्धसैनिक बल की टुकड़ियों ने 'ऑपरेशन ऑल आउट' के तहत कश्मीर के एक-एक आतंकवादी का खात्मा करने की मुहिम हाथ में ली है. पिछले 2 वर्षों में कश्मीर घाटी में हिंदुस्थानी फौज ने करीब 400 आतंकवादियों का खात्मा किया है. 2 वर्ष पहले बारामूला जिले के उरी स्थित सैनिक छावनी पर हमला करके आतंकवादियों ने फौज के 16 जवानों की जान ली थी. इतने बड़े पैमाने पर जवानों के शहीद होने के बाद हिंदुस्थानी फौज ने आक्रामक नीति अपनाते हुए पहली बार पाकिस्तान में घुसकर जबरदस्त 'सर्जिकल स्टाइक' की और उसके बाद 'ऑपरेशन ऑल आउट' की घोषणा कर आतंकवादियों का चुन-चुन कर खात्मा करने का सिलसिला जारी कर दिया.

शिवसेना ने कहा कि सुरक्षा दल के सभी विभागों ने एक-दूसरे से तालमेल बिठाकर पहले आतंकवादी संगठनों के मुखियाओं को अपना निशाना बनाया. लश्कर-ए-तोयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन नामक प्रमुख आतंकवादी संगठनों के कमांडरों का एक के बाद एक एनकाउंटर हुआ. बुरहान वानी से शुरू हुआ एनकाउंटर का सिलसिला आज भी जारी है. फौज की कार्रवाई और मुठभेड़ से आतंकवादियों के मन में इतनी दहशत फैल गई कि आतंकवादी संगठनों को कमांडर मिलना मुश्किल हो गया. किसी नए आतंकवादी की कमांडर के रूप में नियुक्ति होने की खबर आने लगी. कश्मीर के आतंकवादी संगठनों का संचालन करनेवाले पाकिस्तान के हाफिज सईद, आईएसआई तथा पाक फौज की मुश्किलें इससे बढ़ गईं. सभी आतंकवादी संगठनों को युवा आतंकवादियों की आपूर्ति करनेवाले बारामूला जिले की ही हिंदुस्थानी फौज ने सबसे पहले नाकेबंदी की. कश्मीरी जनता की ओर से होनेवाली पत्थरबाजी, कश्मीर के राजनीतिक दलों द्वारा विरोध को नजरअंदाज करते हुए सुरक्षादलों ने बहुत ही प्रभावी तरीके से 'ऑपरेशन ऑल आउट' को जारी रखा है. संपूर्ण कश्मीर घाटी में फौज का यह ऑपरेशन जारी है तथा बारामूला में इस मुहिम को सबसे पहले सफलता मिली है.

बुधवार को सुरक्षाबलों ने बारामूला के साफिया बाग क्षेत्र में आखिरी तीन आतंकवादियों का एनकाउंटर किया. सीआरपीएफ तथा जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त रूप से मुहिम चलाकर आखिरी तीन आतंकवादियों को खत्म किया. इन आतंकवादियों की ओर से बड़े पैमाने पर हथियार और विस्फोटक जप्त किए गए हैं. इस कार्रवाई के खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बारामूला जिले में अब एक भी आतंकवादी के जीवित न होने की अधिकृत घोषणा की है.

पिछले 30 वर्षों में कश्मीर में जारी हिंसाचार में करीब 50 हजार जवान शहीद हुए. हजारों नागरिकों की मौत हुई. किसी भी युद्ध में जितनी हानि नहीं हुई होगी उतनी हानि कश्मीर में आतंकवादियों से किए गए छिपे युद्ध में हुई है. आतंकवादियों को बेवजह सिर पर मत बिठाओ. उनकी गोलियों का जवाब गोलियों से ही दो, ऐसा शिवसेनाप्रमुख हमेशा कहते थे. सुरक्षाबल आज यही कार्य जोरदार तरीके से कर रहा है. कई वर्षों से आतंकवाद की आग में जलनेवाला कश्मीर का बारामूला जिला आज 'आतंकवाद मुक्त' हो गया है. इसके लिए हिंदुस्थानी फौज को 'शानदार सैल्यूट'! संपूर्ण घाटी में अब बारामूला पैटर्न चलाकर सारे कश्मीर को स्वच्छ करना होगा

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