नवरात्रि पर क्यों उगाई जाती है जौ, क्या होते हैं इसके शुभ-अशुभ संकेत

नवरात्रि पर क्यों उगाई जाती है जौ, क्या होते हैं इसके शुभ-अशुभ संकेत
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आदि शक्ति की आराधना के लिए नवरात्रि के 9 दिन बहुत खास होते हैं। नवरात्रि पर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा होती है। नवरात्रि के समय जो लोग नवरात्रि व्रत और दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं वे लोग मिट्टी के बर्तन में जौ बो देते हैं। क्या आपको पता है नवरात्रि में जौ क्यों बोए जाते हैं और इसका पूजा में क्या महत्व होता है।

हमारे धर्मग्रन्थों के अनुसार ऐसा माना जाता है जब सृष्टि की शुरूआत हुई थी तो पहली फसल जौ ही थी। यही कारण है जब भी किसी देवी-देवताओं की पूजा की जाती है तो हवन में जौ का इस्तेमाल किया जाता है।

ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि पर जो जौ उगाई जाती है वह भविष्य से संबंधित कुछ बातों के संकेत हमे प्राप्त होते हैं। साधारण तौर पर 2-3 दिनो में बोया गया जौ अंकुरित हो जाता है, लेकिन अगर यह न उगे तो भविष्य में आपके लिए अच्छे संकेत नहीं है यानि कि आपको कड़ी मेहनत करने के बाद ही फल की प्राप्ति होगी।

अगर उगने वाला जौ का रंग नीचे से आधा पीला और ऊपर से आधा हरा हो इसका मतलब आने वाले साल का आधा समय ठीक रहेगा।

अगर वहीं जौ का रंग नीचे से आधा हरा है और ऊपर से आधा पीला हो तो इसका अर्थ है कि आपका साल का शुरूआती समय अच्छे से बीतेगा, लेकिन बाद में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

अगर आपके द्वारा बोया हुआ जौ सफेद या हरे रंग में उग रहा है तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है। अगर ऐसा होता है तो यह मान लिया जाता है कि पूजा सफल हो गयी। आने वाला पूरा साल खुशियों से भरा होगा

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