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जानिए क्या है भद्रा और इस वर्ष रक्षा- बंधन का शुभ मुहूर्त

जानिए क्या है भद्रा और इस वर्ष रक्षा- बंधन का शुभ मुहूर्त

धार्मिक प्रचलन के अनुसार...PS

धार्मिक प्रचलन के अनुसार रक्षाबंधन या किसी अन्य त्यौहार पर भद्रा योग होने पर उसे उस काल में नहीं मनाया का सकता। इसी तरह इस वर्ष भी भद्रा योग होने के चलते 30 अगस्त को भाईयों की कलाई पर राखी नहीं बांधी जा सकती है। शास्त्रों में भद्राकाल को अशुभ काल कहा गया है। एक बार भद्राकाल के समाप्त होने पर ही राखी बांधना शुभ होगा। चलिए, जानते हैं कि श्रावण की पूर्णिमा की तिथि, भद्राकाल का समय और राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या है?

क्या है भद्राकाल के पीछे का तर्क

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भद्रा भगवान सूर्य और माता छाया की पुत्री हैं। भद्रा और शनि भाई-बहन हैं। उनके कठोर स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए भगवान ब्रह्मा ने उन्हें कालगणना के एक प्रमुख अंग विष्टि करण में स्थान दिया था।कहा जाता है कि पूर्णिमा के दिन भद्रा पृथ्वी पर रहती हैं इसलिए इस दौरान कोई शुभ काम नहीं करने चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी पूर्णिमा तिथि पड़ती है उसका शुरूआती आधा हिस्सा भद्रा काल रहता है। मुहूर्त शास्त्र के अनुसार भद्राकाल को अशुभ माना गया है। इस दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य करने की मनाही होती है।

रक्षाबंधन की तिथि को लेकर सभी पशोपेश में है। हिंदू पंचांग के मुताबिक श्रावण पूर्णिमा की तिथि 30 और 31 अगस्त दो दिनों तक बनी रहेगी। सनातन परंपरा के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार हर वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर ही मनाया जाता है। साथ ही यह भी ध्यान रखा जाता है कि इस तिथि पर भद्रा काल न पड़े। इस बार श्रावण पूर्णिमा तिथि के साथ ही भद्रा काल भी शुरू हो हो रहा है। 30 अगस्त को प्रातः शुरू होकर भद्राकाल रात के करीब 09 बजकर 01 मिनट तक बना रहेगा। इस दौरान राखी नहीं बांधी जा सकती है।

हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पावन पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त 2023 को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू हो जाएगी और पूर्णिमा तिथि का समापन अगले दिन यानि 31 अगस्त 2023 को सुबह 07 बजकर 07 मिनट पर हो जाएगा। चूंकि 30 अगस्त 2023 को भद्राकाल रात्रि 09 बजकर 01 मिनट तक बना रहेगा, ऐसे में 30 अगस्त को रात के समय भद्रा की समाप्ति के बाद राखी बांधी जा सकती है।

रक्षाबंधन भद्रा पूंछ - शाम 05:32 - शाम 06:32

रक्षाबंधन भद्रा मुख - शाम 06:32 - रात 08:11

रक्षाबंधन भद्रा का अंत समय - रात 09:01

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