वैज्ञानिकों ने भी माना भगवान शिव धरती पर ही हैं .. करे भगवान शिव के साक्षात् दर्शन
वेदों का अनुसरण करें तो धरती पर आज भी मोजूद है महादेव, भक्तों की माने तो आज भी उनका ऐहसास होता है हम आज भी उनके होने के सबूत हिमालय में पा सकते है
वेदों का अनुसरण करें तो धरती पर आज भी मोजूद है महादेव, भक्तों की माने तो आज भी उनका ऐहसास होता है हम आज भी उनके होने के सबूत हिमालय में पा सकते है अगर इन सधुओं की माने तो सदा शिव का भोतिक रूप महादेव आज भी उन्हें दर्शन देते है सिर्फ भारत में ही नही बल्कि पूरी दुनियां में प्राचीन सभ्यता की निशानीयां मिलती है फिर चाहे वो भारत हो या फिर चीन आनी देशों में उनके होने के सबूत हम आज भी ढून्ढ सकते है.
वैज्ञानिकों ने जो भी प्राचीन शिवलिंग की कारवानडेटिंग की है तो उन्हें हैरानी ही हुई है क्योंकि हर जगह की प्राचीन सभ्यता को वो हजारों साल पुराना मानते थे पर भारत की ये सभ्यता तो लाखों साल पुरानी है सदा शिव के भोतिक स्वरूप महादेव की कहानियाँ हमारे धर्म में आज भी सुनाई जाती है और उनके होने के सबूत हम आज भी ढूंढ सकते है चाहे वो अमर नाथ की गुफा की प्राचीन निशानियाँ हो आज भी हम उनके आस पास होने का ऐहसास कर सकते है.
महाकुम्भ में आये साधू भी कई सालों की तपस्या के बाद बस कुछ ही दिनों के लिए बहर निकलते है इस कुम्भ स्नान के बाद वो फिर से अपने तप को आगे बढाने के लिए कहीं गायब हो जाते है अगर सरकारी कागजों में देखें तो उन्हें मुर्दा माना जाता है और अगर उन साधुओं से बात करें तो वो भी यही मानते है कि तप मुद्रा में वो एक मृत शरीर की तरह हो जाते है लेकिन ऐसी कोन से शक्ति है इससे आगे की जानकारी हम आपको इस विडियो के माध्यम से देने जा रहे है जिसे जानना आपके लिए बेहद जरूरी है.
अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई विडियो देखें……..
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