कैसे जन्मे भैरव, क्या जिम्मेदारी सौंपी भगवान शिव ने उन्हें...
- In जीवन-धर्म 23 Dec 2018 11:38 AM IST
मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 29 नवंबर 2018, गुरुवार को महाकाल भैरव जयंती मनाई जाएगी। इस दिन भगवान महाकाल भैरव का प्राकट्य हुआ था।लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिवांश महाकाल भैरव का जन्म कैसे हुआ?
पुराणों में वर्णित कथाओं के अनुसार एक बार भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा के बीच विवाद छिड़ गया कि उनमें से श्रेष्ठ कौन है? यह विवाद इतना अधिक बढ़ गया कि सभी देवता घबरा गए। उन्हें डर था कि दोनों देवताओं के बीच युद्ध ना छिड़ जाए और प्रलय ना आ जाए...
सभी देवता घबराकर भगवन शिव के पास चले गए और उनसे समाधान ढूंढ़ने का निवेदन किया। जिसके बाद भगवान शंकर ने एक सभा का आयोजन किया जिसमें भगवान शिव ने सभी ज्ञानी, ऋषि-मुनि, सिद्ध संत आदि और साथ में विष्णु और ब्रह्मा जी को भी आमंत्रित किया।
इस सभा में निर्णय लिया गया कि सभी देवताओं में भगवान शिव श्रेष्ठ है। इस निर्णय को सभी देवताओं समेत भगवान विष्णु ने भी स्वीकार कर लिया। लेकिन ब्रह्मा ने इस फैसले को मानने से इंकार कर दिया। वे भरी सभा में भगवान शिव का अपमान करने लगे। भगवान शंकर इस तरह से अपना अपमान सह ना सके और उन्होंने रौद्र रूप धारण कर लिया।