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नेपाल में राम-सीता विवाह की तैयारियां जोरों पर, 16 नवंबर को अयोध्या भेजा जाएगा तिलक हार, 18 नवंबर को होगी सगाई

नेपाल में राम-सीता विवाह की तैयारियां जोरों पर, 16 नवंबर को अयोध्या भेजा जाएगा तिलक हार, 18 नवंबर को होगी सगाई

प्रभु श्रीराम और मां सीता के...PS

प्रभु श्रीराम और मां सीता के ऐतिहासिक विवाह की तैयारी नेपाल के जनकपुर में जोरों पर चल रही है। यह विवाह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से भी अत्यंत प्रमुख है। इस बार, विशेष रूप से 16 नवंबर को जनकपुर से अयोध्या के लिए तिलक हार भेजा जाएगा, और 18 नवंबर को दोनों परिवारों के बीच सगाई की रस्में आयोजित की जाएंगी। यह आयोजन हर साल विवाह पंचमी के अवसर पर मनाया जाता है, जो इस बार एक विशेष धूमधाम से आयोजित होने जा रहा है।


तिलक हार भेजे जाने की विशेष तारीख


16 नवंबर को जनकपुर से तिलक हार अयोध्या भेजने की योजना बनाई गई है। यह तिलक हार श्रीराम के लिए सम्मान और प्रेम का प्रतीक होगा, जिसे जनकपुर से अयोध्या तक भव्य तरीके से भेजा जाएगा। यह रस्म विवाह की शुभ शुरुआत मानी जाती है, और दोनों परिवारों के बीच रिश्ते को एक प्रगाढ़ संबंध के रूप में स्थापित करती है।


सगाई की तारीख 18 नवंबर


नेपाल और भारत के बीच रिश्तों को और मजबूती देने वाली यह सगाई 18 नवंबर को होगी। इस दिन विवाह पंचमी के अवसर पर राम और सीता के विवाह की रस्में शुरू होंगी। सगाई के दौरान दोनों परिवारों के बीच शुभ संदेशों का आदान-प्रदान होगा और पारंपरिक रिवाजों का पालन किया जाएगा।


ऐतिहासिक महत्व


राम-सीता का विवाह हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, और यह विवाह भारतीय संस्कृति और धार्मिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा है। जनकपुर और अयोध्या के बीच यह रिश्तेदारी न केवल आध्यात्मिक रूप से, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस विवाह को लेकर जनकपुर और अयोध्या के लोग बेहद उत्साहित हैं और बड़ी धूमधाम से इसकी तैयारियां कर रहे हैं।


नेपाल और भारत के बीच धार्मिक संगठनों का सहयोग


इस विवाह के आयोजन में नेपाल और भारत के धार्मिक संगठनों का सहयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जनकपुर में श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है, ताकि वे इस ऐतिहासिक अवसर को सही ढंग से देख सकें और भाग ले सकें। साथ ही, अयोध्या में भी विशेष पूजा-आरती और आयोजनों की योजना बनाई गई है।


विवाह पंचमी 2024 के अवसर पर भगवान श्रीराम और मां सीता का विवाह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस विवाह समारोह के जरिए नेपाल और भारत के बीच रिश्तों को और मजबूती मिलेगी, और हिन्दू धर्म के अनुयायी एकता और भाईचारे का संदेश प्राप्त करेंगे। 16 नवंबर को तिलक हार भेजने और 18 नवंबर को सगाई के बाद इस पवित्र विवाह समारोह की शुरुआत होगी, जो भारतीय संस्कृति के धरोहर के रूप में हमेशा याद रखा जाएगा।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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