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काल भैरव जयंती 2024 में कब है? जानिए महत्व, पूजा विधि और तंत्र साधकों के लिए विशेष अवसर

काल भैरव जयंती 2024 में कब है? जानिए महत्व, पूजा विधि और तंत्र साधकों के लिए विशेष अवसर
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काल भैरव जयंती (Kaal Bhairav Jayanti) हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व के रूप में मनाई जाती है। यह दिन विशेष रूप से भगवान काल भैरव की आराधना का होता है, जो शिव के एक रूप के रूप में पूजा जाते हैं। काल भैरव को ‘समय के नियंत्रणकर्ता’ और 'शिव के रुद्र रूप' के रूप में पूजा जाता है, और माना जाता है कि वह अपने भक्तों की सभी कठिनाइयों को दूर करते हैं। 2024 में काल भैरव जयंती का पर्व 29 नवंबर को मनाया जाएगा। यह दिन भक्तों के लिए आध्यात्मिक उन्नति और तंत्र विद्या के साधकों के लिए विशेष महत्व रखता है।


काल भैरव जयंती का महत्व


काल भैरव जयंती का पर्व विशेष रूप से उन भक्तों के लिए अहम होता है जो मानसिक शांति, सुरक्षा, और अपनी जीवन की बाधाओं को दूर करने के लिए काल भैरव की पूजा करते हैं। भैरव बाबा का रूप बेहद कठोर और भयभीत करने वाला माना जाता है, लेकिन वह अपने भक्तों के प्रति अत्यंत दयालु और शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता हैं। इस दिन विशेष रूप से तंत्र विद्या के साधक काल भैरव की उपासना करते हैं, क्योंकि उनकी पूजा में शक्ति और सिद्धि की प्राप्ति के विशेष लाभ होते हैं।


कहा जाता है कि भैरव बाबा की पूजा से मानसिक संप्रेरणा, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, और जीवन की कठिनाइयों को दूर करने में सहायता मिलती है। इसके अलावा, यह दिन उन लोगों के लिए खास होता है जो किसी विशेष कार्य में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं या किसी बड़े लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं।


पूजा विधि और व्रत


काल भैरव जयंती पर विशेष पूजा विधि होती है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और विशेष रूप से रात के समय भगवान काल भैरव की पूजा करते हैं। पूजा की शुरुआत दीप जलाने और स्नान करने से होती है। इसके बाद भगवान को ताम्र पात्र में तिल, जौ, ताम्बूल, नारियल और पंचामृत अर्पित किया जाता है। पूजा में भैरव की विशेष पूजा सामग्री जैसे भैरव की मूर्ति, हड्डी या खप्पर का उपयोग किया जाता है। तंत्र साधना करने वाले लोग इस दिन विशेष मंत्रों का जाप करते हैं, जैसे "ॐ कालभैरवाय नमः"।


तंत्र साधना और सिद्धि


काल भैरव जयंती का पर्व तंत्र साधकों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन किए गए तंत्र क्रियाओं में शीघ्र फल मिलने की मान्यता है। तंत्र विद्या के अभ्यासियों के लिए यह दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है, क्योंकि वे इस दिन काल भैरव के मंत्रों का जाप करके अपने तंत्र साधना को और सशक्त बना सकते हैं। साथ ही, यह दिन आत्म-शक्ति को जागृत करने और मानसिक शक्तियों को विकसित करने का अवसर भी प्रदान करता है।


किसे मिलती है काल भैरव की कृपा?


मान्यता के अनुसार, काल भैरव उन सभी भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं जो उनके सामने श्रद्धा और भक्ति से निवेदन करते हैं। वह अपने भक्तों की हर मुश्किल को दूर कर उन्हें सुख-समृद्धि और मानसिक शांति प्रदान करते हैं। साथ ही, यह दिन विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए लाभकारी होता है, जो अपने जीवन में किसी विशेष समस्या या संकट से जूझ रहे हैं। यह पर्व उन्हें संकटों से उबारने और उनके कार्यों में सफलता प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।


काल भैरव जयंती 2024: तिथि और समय


इस वर्ष, काल भैरव जयंती का पर्व 29 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। यह दिन विशेष रूप से रात्री पूजा के लिए उपयुक्त होता है, जब भक्त विशेष ध्यान और साधना के साथ काल भैरव की पूजा करते हैं।


काल भैरव जयंती एक अत्यधिक महत्वपूरण अवसर है, जो न केवल भक्तों को मानसिक और आध्यात्मिक शांति देता है, बल्कि तंत्र साधकों के लिए यह सिद्धि और शक्ति की प्राप्ति का दिन होता है। इस दिन की पूजा से जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर किया जा सकता है और भगवान काल भैरव की कृपा से हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है।


यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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