खरमास 2024, सूर्य पूजा का महत्वपूर्ण समय, जानें कब से शुरू होगा और क्यों होते हैं मांगलिक कार्यों पर प्रतिबंध
- In जीवन-धर्म 21 Nov 2024 1:36 PM IST
हिंदू पंचांग के अनुसार, खरमास वह विशेष समय होता है, जब सूर्य देव के दर्शन और पूजा का महत्व विशेष रूप से बढ़ जाता है। यह अवधि हर साल दो बार आती है और इसे धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस समय के दौरान सूर्य के प्रति श्रद्धा और उपासना को बढ़ावा देने के साथ-साथ कुछ अन्य महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना भी आवश्यक होता है।
खरमास का महत्व और धार्मिक दृष्टिकोण
खरमास के दौरान सूर्य देव की उपासना को अत्यधिक महत्व दिया जाता है। विशेष रूप से यह समय भक्तों के लिए भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त करने का एक श्रेष्ठ अवसर होता है। सनातन धर्म में इस समय को विशेष रूप से श्रद्धा और ध्यान की अवधि माना गया है, जो आत्मिक शांति और दिव्य आशीर्वाद की प्राप्ति का रास्ता खोलता है। इस दौरान सूर्य की उपासना करने से व्यक्ति को जीवन के हर पहलू में सफलता और समृद्धि मिलने की मान्यता है।
खरमास के दौरान मांगलिक कार्यों पर प्रतिबंध
जहां खरमास का समय भगवान सूर्य की उपासना के लिए बहुत शुभ है, वहीं इस अवधि में मांगलिक कार्यों जैसे विवाह, मुंडन, घर प्रवेश या किसी अन्य उत्सव का आयोजन करना वर्जित माना जाता है। सनातन धर्म के अनुसार, खरमास के दौरान पृथ्वी पर सूर्य की स्थिति और प्रभाव कुछ विशेष होते हैं, जिसके कारण इस समय मांगलिक कार्यों को टालना चाहिए। इस समय में किए गए शुभ कार्यों में विघ्न और विफलता का खतरा रहता है, इसलिए धार्मिक अनुशासन के तहत इन कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है।
खरमास 2024 कब से शुरू होगा?
वर्ष 2024 में खरमास 15 दिसंबर से शुरू होगा और 13 जनवरी 2025 तक रहेगा। यह समय लगभग एक महीने का होता है, जिसमें विशेष ध्यान और साधना की आवश्यकता होती है। इस दौरान लोग सूर्य देव की पूजा में अधिक समय व्यतीत करते हैं, ताकि उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सके।
इस बार खरमास का समय बहुत ही विशेष है, क्योंकि सूर्य पूजा और साधना के साथ-साथ यह समय उन कार्यों के बारे में पुनः सोचने का होता है, जो जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाले होते हैं। इस अवधि में विशेष ध्यान देने के साथ-साथ मांगलिक कार्यों से परहेज करना चाहिए, ताकि जीवन में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहे।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।