उत्पन्ना एकादशी 2024, जानें तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
- In जीवन-धर्म 21 Nov 2024 1:41 PM IST
हिंदू पंचांग के अनुसार उत्पन्ना एकादशी, जो विशेष रूप से भगवान विष्णु को समर्पित होती है, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत विशेष रूप से पुण्य और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए किया जाता है और इसे लेकर भक्तों में विशेष श्रद्धा और उल्लास देखने को मिलता है। 2024 में उत्पन्ना एकादशी का व्रत 26 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन विशेष पूजा और व्रत का आयोजन कर भक्त भगवान विष्णु की उपासना करते हैं, ताकि उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे।
उत्पन्ना एकादशी 2024: सही तारीख और शुभ मुहूर्त
उत्पन्ना एकादशी 2024 में 26 नवंबर को होगी, जो मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ रही है। इस दिन विशेष पूजा और व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
शुभ मुहूर्त:
उत्पन्ना एकादशी के दिन पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 5:30 बजे से लेकर 7:00 बजे तक रहेगा। यह समय विशेष रूप से पूजा और भजन-कीर्तन के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इस समय में भगवान विष्णु की पूजा करने से अधिक लाभ मिलता है और व्रति को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
उत्पन्ना एकादशी व्रत का महत्व
उत्पन्ना एकादशी को विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा का दिन माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से व्रति भगवान विष्णु के चरणों में ध्यान करते हैं और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए उपवास रखते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी के दिन व्रत करने से सभी पाप नष्ट होते हैं और व्यक्ति को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग मिलता है। साथ ही, यह दिन मानसिक शांति, समृद्धि और सुख-शांति प्राप्त करने के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
पूजा विधि
उत्पन्ना एकादशी के दिन पूजा की विधि भी बहुत खास होती है। इसे विधिपूर्वक और श्रद्धा से करना चाहिए ताकि अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके।
1. उपवास (व्रत): इस दिन व्रति पूरे दिन उपवास रखते हैं और केवल फलाहार करते हैं।
2. स्नान और शुद्धि: पूजा से पहले स्नान करके खुद को शुद्ध करें और फिर पूजा स्थल को स्वच्छ करें।
3. भगवान विष्णु की पूजा: इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। उन्हें तुलसी के पत्तों और पीले फूलों से अर्पित करें।
4. ध्यान और मंत्र जाप: "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का जाप करें और भगवान विष्णु का ध्यान करें।
5. भजन और कीर्तन: इस दिन भगवान विष्णु के भजन और कीर्तन का आयोजन भी किया जाता है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
6. प्रसाद वितरण: पूजा के बाद भगवान विष्णु को भोग अर्पित करें और उसका प्रसाद सभी भक्तों को वितरित करें।
उत्पन्ना एकादशी के फायदे
1. पापों का नाश: उत्पन्ना एकादशी का व्रत सभी पापों को नष्ट करने के लिए प्रभावी माना जाता है।
2. धन और समृद्धि: भगवान विष्णु की उपासना से धन और समृद्धि के द्वार खुलते हैं।
3. आध्यात्मिक उन्नति: यह दिन व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति के लिए भी महत्वपूर्ण होता है।
4. मोक्ष प्राप्ति: उत्पन्ना एकादशी के व्रत से व्यक्ति को मोक्ष प्राप्ति की संभावना भी बढ़ जाती है।
उत्पन्ना एकादशी 2024 में 26 नवंबर को मनाई जाएगी और यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की उपासना के लिए अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण है। इस दिन किए गए व्रत और पूजा से व्यक्ति को मानसिक शांति, समृद्धि और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग मिलता है। यदि आप इस दिन व्रत करते हैं और सही विधि से पूजा करते हैं, तो निश्चित रूप से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होगा और जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।