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काल भैरव जयंती 2024, इस विशेष दिन पर जानें पूजा विधि और लाभ

काल भैरव जयंती 2024, इस विशेष दिन पर जानें पूजा विधि और लाभ

काल भैरव जयंती का पर्व हिंदू...PS

काल भैरव जयंती का पर्व हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है और इसे विशेष रूप से भैरव बाबा की उपासना के लिए मनाया जाता है। यह दिन श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष अवसर होता है जब वे भैरव बाबा की पूजा-अर्चना करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए व्रत रखते हैं। काल भैरव को शक्ति, सुरक्षा और त्वरित आशीर्वाद देने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है। ऐसी मान्यता है कि भैरव बाबा अपने भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं, और उनका आशीर्वाद उन्हें हर समस्या से उबार सकता है।


इस वर्ष काल भैरव जयंती 22 नवंबर 2024 को मनाई जा रही है। यह दिन विशेष रूप से उन श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है जो भैरव बाबा की विशेष कृपा प्राप्त करना चाहते हैं। तो आइए जानते हैं इस दिन को कैसे सही तरीके से मनाया जाए और पूजा विधि क्या होनी चाहिए।


काल भैरव जयंती पर पूजा की सही विधि

काल भैरव जयंती का दिन पूजा और उपवास के लिए विशेष रूप से उपयुक्त होता है। इस दिन भक्तगण सुबह सूर्योदय से पहले उठकर नहाकर स्वच्छता का ध्यान रखते हुए पूजा स्थल पर जाते हैं। यहाँ सही तरीके से पूजा करने के लिए निम्नलिखित विधि अपनाई जा सकती है:


1. तैयारी – सबसे पहले पूजा स्थल को स्वच्छ करें और वहां एक साफ आसन बिछाएं। फिर काल भैरव की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें।


2. गंगाजल और पानी – भैरव बाबा की पूजा में गंगाजल का उपयोग बहुत शुभ माना जाता है। गंगाजल से उनकी प्रतिमा को अभिषेक करें और फिर ताजे पानी से स्नान कराएं।


3. शुद्धता और व्रत – इस दिन उपवास रखने की परंपरा भी है। कुछ लोग पूर्ण उपवास रखते हैं, जबकि अन्य फलाहार करते हैं। यह व्रत विशेष रूप से भैरव बाबा की पूजा में आस्था को प्रकट करता है।


4. मंत्र जाप – काल भैरव के मंत्र 'ॐ काल भैरवाय नमः' का जाप करें। इस मंत्र का 108 बार जाप विशेष रूप से लाभकारी होता है और इससे मानसिक शांति मिलती है।


5. मिठाई और अर्पण – इस दिन विशेष रूप से भैरव बाबा को ताम्र पात्र में मिठाई या कोई और भोग अर्पित करें। भैरव बाबा को शराब, मांसाहार, और तामसी भोजन अर्पित करना वर्जित माना जाता है।


6. धूप और दीपक – पूजा के बाद, भैरव बाबा के सामने दीपक और धूप जलाएं। इससे वातावरण शुद्ध होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।


7. रात्रि पूजा – काल भैरव जयंती पर रात्रि पूजा का भी विशेष महत्व है। इस समय भैरव बाबा की आराधना से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि और संकटों का निवारण होता है।


काल भैरव जयंती के लाभ

काल भैरव जयंती पर पूजा करने से कई धार्मिक और मानसिक लाभ होते हैं:


1. सभी संकटों का निवारण – काल भैरव की उपासना से जीवन में आए हुए तमाम संकटों से मुक्ति मिलती है। वे अपने भक्तों की रक्षा करते हैं और उनका जीवन हर प्रकार से सुरक्षित रखते हैं।


2. त्वरित आशीर्वाद – भैरव बाबा जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता माने जाते हैं। इसलिए इस दिन की पूजा से त्वरित आशीर्वाद प्राप्त होता है।


3. धन, संपत्ति और सुख-शांति – काल भैरव के आशीर्वाद से घर में धन की वर्षा होती है और परिवार में सुख-शांति का वातावरण बनता है।


4. सकारात्मक ऊर्जा का संचार – काल भैरव जयंती पर विशेष पूजा से घर में नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे सभी परेशानियाँ समाप्त होती हैं।


काल भैरव जयंती एक ऐसा अवसर है जब भक्तों को विशेष रूप से भैरव बाबा की पूजा करने से अपार सुख, समृद्धि, और सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि आप भी इस दिन को सही तरीके से मनाते हैं और पूजा विधि का पालन करते हैं, तो निश्चित रूप से आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा और आप भैरव बाबा की कृपा से हर संकट से उबर सकते हैं।


यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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