खरमास 2024, सूर्य के धनु और मीन राशि में भ्रमण के दौरान शुभ कार्यों पर रोक
- In जीवन-धर्म 26 Nov 2024 3:26 PM IST
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, जब सूर्य धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो एक विशेष खगोलीय घटना होती है, जिसे खरमास कहा जाता है। यह समय किसी भी शुभ कार्य के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है, क्योंकि इस दौरान भगवान सूर्य के विशेष प्रभाव से अशुभता का अनुभव होता है। प्रत्येक वर्ष खरमास दो बार आता है, और इस साल यह 15 दिसंबर से शुरू होगा।
खरमास का समय और प्रभाव
खरमास वह समय होता है, जब सूर्य धनु और मीन राशि में होते हैं। इस समय में सूर्य की स्थिति विशेष रूप से प्रभावित करती है, जिससे ज्योतिषीय दृष्टिकोण से शुभ कार्यों के लिए यह समय अशुभ माना जाता है। इसका सीधा प्रभाव व्यक्ति के जीवन में भी पड़ता है, और इस दौरान नए कार्यों की शुरुआत से बचने की सलाह दी जाती है। खासकर, गृह प्रवेश, भूमि पूजन, और अन्य शुभ कार्यों जैसे विवाह, मुंडन, या नए व्यवसाय की शुरुआत में रुकावटें आ सकती हैं।
खरमास का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व
खरमास को धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस समय को पवित्र समय के रूप में नहीं देखा जाता, क्योंकि सूर्य के धनु और मीन राशि में होने के कारण शुभ कार्यों में विघ्न उत्पन्न हो सकता है। यही कारण है कि इस दौरान बड़े आयोजन और अनुष्ठानों को स्थगित करने की परंपरा रही है। इसे एक समय के रूप में देखा जाता है, जब लोग शांतिपूर्वक और ध्यानपूर्वक अपनी साधनाओं में समय बिताते हैं।
खरमास के दौरान क्या नहीं करना चाहिए
इस दौरान ग्रहों की स्थिति के कारण कई शुभ कार्यों पर रोक होती है। जैसे:
1. गृह प्रवेश: इस समय नए घर में प्रवेश करने से बचना चाहिए। माना जाता है कि सूर्य के प्रभाव से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सकता है।
2. भूमि पूजन और निर्माण कार्य: नए भवन का निर्माण, भूमि पूजन या अन्य निर्माण कार्यों की शुरुआत इस समय नहीं करनी चाहिए।
3. विवाह और अन्य पारिवारिक उत्सव: इस समय विवाह और अन्य बड़े उत्सवों की शुरुआत भी नहीं करनी चाहिए।
खरमास का अंत और पुनः शुभ कार्यों की शुरुआत
खरमास का प्रभाव लगभग एक महीने तक रहता है, और यह 15 दिसंबर से शुरू होकर जनवरी में समाप्त होगा। इसके बाद सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ शुभ कार्यों की शुरुआत फिर से की जा सकती है। इस समय के बाद लोगों के जीवन में फिर से सकारात्मकता और उन्नति के रास्ते खुलते हैं।
खरमास एक खगोलीय और ज्योतिषीय घटना है, जिसका प्रभाव हर साल दो बार पड़ता है। इस समय में विशेष ध्यान रखना आवश्यक है, क्योंकि यह समय शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता। इस दौरान लोग खुद को मानसिक शांति और साधना में व्यस्त रखने की सलाह दी जाती है। 15 दिसंबर से शुरू हो रहे इस खरमास के समय में लोगों को नए कार्यों की शुरुआत से बचने और पारंपरिक धार्मिक मार्गदर्शन का पालन करने की सलाह दी जाती है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।