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गुरु प्रदोष व्रत 2024, जानें शुभ संयोग, पूजा विधि और महत्व

गुरु प्रदोष व्रत 2024, जानें शुभ संयोग, पूजा विधि और महत्व

प्रदोष व्रत एक महत्वपूर्ण पर्व...PS

प्रदोष व्रत एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा और उपासना के लिए माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार गुरु प्रदोष व्रत एक विशेष और शुभ संयोग में पड़ रहा है, जो भक्तों के लिए अत्यधिक लाभकारी हो सकता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा से उनके भक्तों को विशेष आशीर्वाद और कृपा प्राप्त होती है।

गुरु प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत का आयोजन हर महीने की त्रयोदशी तिथि को होता है, लेकिन जब यह दिन गुरु ग्रह के साथ विशेष संयोग में आता है, तब इसकी महिमा और भी बढ़ जाती है। गुरु प्रदोष व्रत से भगवान शिव के साथ-साथ गुरु ग्रह की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन में समृद्धि, सुख-शांति और बौद्धिक विकास का कारण बनती है। इसे करने से जीवन में आ रही कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

इस बार गुरु प्रदोष व्रत कब है?
पंचांग के अनुसार, इस साल गुरु प्रदोष व्रत मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाएगा। यह तिथि 28 नवंबर, 2024 (गुरुवार) को सुबह 6:23 बजे से शुरू होकर 29 नवंबर, 2024 को सुबह 9:43 बजे तक चलेगी। चूंकि व्रत का समय उदय तिथि के अनुसार निर्धारित होता है, इसलिए 28 नवंबर, गुरुवार को प्रदोष व्रत किया जाएगा।

पूजा विधि

1. स्नान और शुद्धता: व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शरीर को शुद्ध करें।

2. भगवान शिव का पूजन: प्रदोष व्रत में विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा की जाती है। शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, चंदन, बेलपत्र, फूल और दीपक अर्पित करें।

3. महामृत्युंजय मंत्र: पूजा में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें, जिससे मानसिक शांति और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

4. व्रति का उपवास: व्रति दिनभर उपवास रखें और शाम को प्रदोष काल में विशेष रूप से शिव पूजा करें।

5. प्रसाद वितरण: पूजा के बाद गरीबों को भोजन और दान करें, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है।

गुरु प्रदोष व्रत का फल
गुरु प्रदोष व्रत को विधिपूर्वक करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति का वास होता है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है, जो अपने जीवन में गुरु ग्रह की स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं। इसके अलावा, यह व्रत स्वास्थ्य में सुधार, रिश्तों में सामंजस्य, और व्यक्तिगत सफलता में वृद्धि के लिए भी लाभकारी माना जाता है।

28 नवंबर, 2024 को गुरु प्रदोष व्रत का आयोजन एक विशेष अवसर है, जब भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ गुरु ग्रह की कृपा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इस दिन को समर्पित पूजा से जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं और सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण हो सकता है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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