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साल 2025 में सूर्य और चंद्र ग्रहण, तिथियां और सूतक काल का प्रभाव

साल 2025 में सूर्य और चंद्र ग्रहण, तिथियां और सूतक काल का प्रभाव
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ग्रहण, चाहे वह सूर्य का हो या चंद्र का, भारतीय ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। प्रत्येक वर्ष सूर्य और चंद्र ग्रहण होते हैं, जिनका मानव जीवन और प्रकृति पर गहरा प्रभाव माना जाता है। साल 2025 में होने वाले सूर्य और चंद्र ग्रहण की तिथियां और सूतक काल पर भी लोगों की विशेष नजर रहती है, क्योंकि इनका धार्मिक और ज्योतिषीय प्रभाव अत्यधिक होता है। आइए जानते हैं कि 2025 में कब-कब सूर्य और चंद्र ग्रहण होंगे और क्या इन ग्रहणों के दौरान सूतक काल मान्य होगा।


साल 2025 में सूर्य ग्रहण की तिथियां


सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य का कुछ या पूरा हिस्सा ढक जाता है। 2025 में सूर्य ग्रहण दो बार होगा:


1. अप्रैल 8, 2025 – यह सूर्य ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा, जो कुछ क्षेत्रों में दिखाई देगा। इस ग्रहण के दौरान, सूर्य का पूरा या आंशिक हिस्सा ढक जाएगा, जिससे यह विशेष खगोलीय घटना मानी जाएगी।



2. अक्तूबर 2, 2025 – यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। इस ग्रहण में सूर्य का केवल एक भाग छिपेगा, लेकिन इसका प्रभाव भी महत्वपूर्ण रहेगा।


साल 2025 में चंद्र ग्रहण की तिथियां


चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है। 2025 में चंद्र ग्रहण भी दो बार होगा:


1. मई 15, 2025 – यह चंद्र ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में आ जाएगा, और यह दृश्य कुछ क्षेत्रों में साफ तौर पर देखा जा सकेगा।


2. अक्तूबर 28, 2025 – यह एक आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। इस दौरान चंद्रमा का एक हिस्सा पृथ्वी की छाया में आकर उसका रंग बदल सकता है, लेकिन पूरी तरह से ढका नहीं होगा।


ग्रहण का सूतक काल: क्या यह मान्य होगा?


ग्रहण के दौरान सूतक काल का विशेष महत्व होता है, जो एक निर्धारित समय अवधि होती है, जब शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार, सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है और ग्रहण समाप्त होने तक जारी रहता है। इस दौरान धार्मिक कार्यों, विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश और अन्य शुभ कार्यों को टालने की सलाह दी जाती है।


हालांकि, सूतक काल का पालन विभिन्न प्रकार के ग्रहणों के लिए अलग-अलग होता है। यदि ग्रहण का प्रभाव किसी क्षेत्र में दिखाई नहीं देता या वह क्षेत्र ग्रहण के घेरे में नहीं आता, तो वहां सूतक काल लागू नहीं होता।


साल 2025 में होने वाले सूर्य और चंद्र ग्रहण न केवल खगोलीय दृष्टि से महत्वपूर्ण होंगे, बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी इनका असर लोगों के जीवन पर पड़ने वाला है। अप्रैल 8 और अक्टूबर 2 को होने वाले सूर्य ग्रहण तथा मई 15 और अक्टूबर 28 को होने वाले चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल के प्रभाव का पालन करने की आवश्यकता होगी। ग्रहणों के दौरान विशेष धार्मिक अनुष्ठानों और साधनाओं का आयोजन भी होता है, जो आंतरिक शांति और समृद्धि की प्राप्ति में सहायक साबित होते हैं।


यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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