02 अगस्त 2025 पंचांग: श्रावण शुक्ल अष्टमी का प्रारंभ, नवमी, विशाखा नक्षत्र और शुक्ल योग का अद्भुत संयोग

श्रावण मास का हर दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्व रखता है, और ऐसे ही विशेष दिनों में एक होगा शनिवार, 2 अगस्त 2025 का दिन। इस दिन कई शुभ संयोग एक साथ बन रहे हैं, जो पूजा-पाठ, व्रत और साधना के लिए श्रेष्ठ माने जाते हैं।
इस तिथि में श्रावण शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का उदय हुआ है, जो प्रातः 7 बजकर 24 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इसके बाद दिनभर और रात्रि पर्यंत नवमी तिथि का प्रभाव रहेगा। यह संधिकाल भक्तों और साधकों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है, क्योंकि अष्टमी और नवमी दोनों तिथियां देवी पूजन तथा उपवास हेतु शुभ मानी जाती हैं।
शुक्ल योग का प्रभाव: शुभता और सफलता का प्रतीक
2 अगस्त को केवल तिथि परिवर्तन ही नहीं, बल्कि शुक्ल योग भी दिनभर और रातभर बना रहेगा। यह योग 3 अगस्त की सुबह 6 बजकर 24 मिनट तक प्रभावी रहेगा। शुक्ल योग को शुभ कार्यों, निर्णय, नया कार्य प्रारंभ करने और आध्यात्मिक साधना के लिए अनुकूल माना जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शुक्ल योग में किए गए कार्यों में सफलता की संभावना अधिक होती है। इस योग के दौरान व्रत, जप, दान और ध्यान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। गृहस्थ जीवन में सौभाग्य और सुख-समृद्धि बढ़ती है।
विशाखा नक्षत्र: ऊर्जा और स्थिरता का अद्वितीय संगम
2 अगस्त को विशाखा नक्षत्र भी पूरे दिन और रात भर उपस्थित रहेगा, जो अगली सुबह 3 अगस्त को 6:35 बजे समाप्त होगा। विशाखा नक्षत्र का संबंध गुरु और शनि ग्रहों से है, जो जीवन में संतुलन, संघर्ष और सफलता की त्रिकोणीय ऊर्जा प्रदान करता है। यह नक्षत्र लक्ष्य प्राप्ति, नेतृत्व क्षमता और कार्य सिद्धि से जुड़ा होता है।
इस दिन इस नक्षत्र के प्रभाव में किए गए निर्णय, संकल्प और पूजा अनुकूल परिणाम देने वाले होते हैं। खासकर सरकारी कार्यों, सामाजिक निर्णयों और आध्यात्मिक प्रगति के लिए यह समय अत्यंत उपयुक्त है।
धार्मिक दृष्टिकोण से क्या करें?
इस दिन देवी दुर्गा, भगवान विष्णु और शनि देव की पूजा विशेष फलदायक मानी गई है। अष्टमी और नवमी तिथि में मां दुर्गा के किसी भी स्वरूप की आराधना करने से शत्रुओं पर विजय और जीवन में बाधाओं से मुक्ति मिलती है। शुक्ल योग के प्रभाव से किया गया संकल्प दृढ़ होता है और विशाखा नक्षत्र में की गई साधना स्थायित्व प्रदान करती है।
साथ ही यह दिन शनि प्रदोष व्रत, दुर्गाष्टमी व्रत, कन्या पूजन और विशेष जप के लिए भी उपयुक्त हो सकता है, यदि व्यक्ति श्रद्धा से समय का सही उपयोग करे।
2 अगस्त 2025 – तिथि, योग और नक्षत्र का त्रिवेणी संगम
2 अगस्त का दिन धार्मिक, आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत प्रभावशाली बन गया है। अष्टमी से नवमी तिथि, शुक्ल योग और विशाखा नक्षत्र – तीनों का मेल इसे एक शुभ और ऊर्जावान दिवस में बदल देता है। यदि आप कोई विशेष पूजा, व्रत या संकल्प लेने की सोच रहे हैं, तो यह दिन निश्चित रूप से उत्तम अवसर है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।