02 जुलाई 2025: जानिए आज कब तक रहेगी सप्तमी, कब लगेगी अष्टमी और क्या है दिनभर का शुभ समय

02 जुलाई 2025: जानिए आज कब तक रहेगी सप्तमी, कब लगेगी अष्टमी और क्या है दिनभर का शुभ समय
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हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 2 जुलाई 2025 दिन बुधवार को तिथि, नक्षत्र और योग का विशेष संयोग बन रहा है। चंद्रमा की गति के अनुसार आज दिन की शुरुआत सप्तमी तिथि के साथ होगी और फिर दोपहर बाद अष्टमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। यह तिथि देवी उपासना और विशेष कार्यों के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है। आइए जानते हैं आज का विस्तृत पंचांग, शुभ मुहूर्त, राहुकाल और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय।

तिथि परिवर्तन: कब तक रहेगी सप्तमी और कब लगेगी अष्टमी

2 जुलाई 2025 को सप्तमी तिथि का प्रभाव दोपहर 01:43 बजे तक रहेगा। इसके बाद अष्टमी तिथि आरंभ होगी, जो अगले दिन तक प्रभावी रहेगी। सप्तमी का समय देवी मां को अर्पण, व्रत अनुष्ठान और धार्मिक कार्यों के लिए उपयुक्त होता है। वहीं अष्टमी विशेष रूप से मां दुर्गा या कालिका की आराधना के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है।

शुभ मुहूर्त: आज के दिन क्या है सबसे उत्तम समय

आज के दिन पूजा-पाठ, नए कार्यों की शुरुआत, खरीदारी, यात्रा, या किसी शुभ कार्य के लिए कुछ विशेष समय अत्यंत मंगलकारी हैं:

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:59 से 12:52 तक

अमृत काल: सुबह 09:30 से 11:10 तक

ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04:10 से 04:56 तक

गोधूलि मुहूर्त: शाम 07:06 से 07:30 तक

इन मुहूर्तों में भगवान, ग्रह, और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त करना अधिक सरल होता है।

राहुकाल और अशुभ समय

बुधवार को राहुकाल दिन के मध्य भाग में आता है। आज राहुकाल दोपहर 12:20 बजे से 01:58 बजे तक रहेगा। इस दौरान कोई भी नया कार्य शुरू करने से परहेज करना चाहिए क्योंकि इसे अशुभ काल माना जाता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय: प्रातः 05:31 बजे

सूर्यास्त: सायं 07:12 बजे

सूर्य देवता की उपासना, स्नान-दान, और जप-तप के लिए इन समयों का विशेष महत्व होता है। सूर्योदय से पहले उठकर ब्रह्म मुहूर्त में की गई साधना को अत्यधिक फलदायी माना गया है।

2 जुलाई 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह तिथि परिवर्तन का दिन है, जिसमें सप्तमी का समापन और अष्टमी का आरंभ हो रहा है। इस दिन के शुभ मुहूर्तों का उपयोग करके आप अपने कार्यों को सफल बना सकते हैं। राहुकाल से सावधानी बरतें और पूजन-पाठ में एकाग्र होकर भाग लें। अष्टमी की शुरुआत होने के कारण यह दिन मां दुर्गा की कृपा पाने का भी उत्तम अवसर है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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