2024 में खरमास, जानें क्यों इस दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते
- In जीवन-धर्म 29 Nov 2024 1:49 PM IST
साल 2024 में खरमास की शुरुआत 15 दिसंबर से हो रही है, जो हिंदू पंचांग के अनुसार एक विशेष और पवित्र अवधि मानी जाती है। इस दौरान कुछ खास धार्मिक और सांस्कृतिक नियमों का पालन किया जाता है, और इसे शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नहीं माना जाता। परंतु, यह समय क्यों ऐसा होता है, इसके पीछे क्या धार्मिक और ज्योतिषीय कारण हैं, आइए जानते हैं।
खरमास का महत्व और इसका कारण
खरमास, जिसे 'मलमास' या 'अधिमास' भी कहा जाता है, वह समय होता है जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है और चंद्रमा की गति में विशेष परिवर्तन आता है। यह समय एक महीने के लिए होता है, और इस दौरान ग्रहों के चाल में विशेष तरह के बदलाव होते हैं, जिससे शुभ कार्यों में रुकावट आ सकती है।
खरमास के दौरान सूर्य और चंद्रमा की स्थिति कुछ ऐसी होती है कि इसे नकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह के रूप में देखा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस समय में ग्रहों का प्रभाव उलझा हुआ होता है, जिससे जीवन के अच्छे कार्यों में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है। इसलिए इस समय को शुभ कार्यों जैसे शादी, गृह प्रवेश, नए व्यवसाय की शुरुआत या अन्य मांगलिक कार्यों के लिए असंगत माना जाता है।
खरमास के दौरान क्या नहीं करना चाहिए?
1. शादी और मांगलिक कार्यों की रुकावट: खरमास के दौरान शादी, नामकरण संस्कार, या किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्यों को टाला जाता है। इसे शुभ संयोग के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता, क्योंकि इस समय में ग्रहों का प्रभाव शुभ कार्यों के लिए नहीं होता।
2. नए व्यवसाय की शुरुआत: किसी नए व्यापार या पेशे की शुरुआत भी खरमास में नहीं की जाती, क्योंकि इस समय को निवेश और लाभ के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है।
3. यात्राओं पर प्रतिबंध: इस समय लंबी यात्राओं या तीर्थ यात्रा पर भी जाने से बचा जाता है, क्योंकि इसके परिणाम अच्छे नहीं हो सकते हैं।
खरमास के दौरान क्या किया जा सकता है?
हालांकि यह समय मांगलिक कार्यों के लिए उपयुक्त नहीं होता, लेकिन खरमास के दौरान कुछ अच्छे कार्य किए जा सकते हैं। इसे आत्मनिरीक्षण और पुरानी गलतियों को सुधारने का समय माना जाता है। इस समय में:
1. धार्मिक अनुष्ठान: खरमास के दौरान पूजा-पाठ, दान, और आत्मिक शांति की प्राप्ति के लिए व्रत रखना लाभकारी हो सकता है।
2. सामाजिक कार्यों में भागीदारी: इस समय में सामाजिक सेवा, गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना शुभ रहता है।
3. मानसिक शांति प्राप्त करना: यह समय ध्यान, साधना और आत्मज्ञान की ओर अग्रसर होने के लिए उपयुक्त होता है।
खरमास का समय, जो 2024 में 15 दिसंबर से शुरू हो रहा है, अपने खास ज्योतिषीय प्रभावों के कारण धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों में कुछ प्रतिबंधों को लागू करता है। इस समय को शुभ कार्यों के लिए अनुपयुक्त माना जाता है, लेकिन इसे आत्मविश्लेषण और सामाजिक कार्यों के लिए उपयुक्त समय भी माना जाता है। इसलिए, यदि इस दौरान कोई विशेष आयोजन या कार्य करने का विचार है, तो उसे बाद में करना बेहतर होता है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।