29 जुलाई को है नाग पंचमी, कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए करें ये उपाय, महादेव की कृपा से दूर होंगी राहु-केतु की बाधाएं

नाग पंचमी का पावन पर्व: शिव कृपा से मिलता है रक्षा कवच
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। वर्ष 2025 में यह पवित्र तिथि 29 जुलाई, मंगलवार को पड़ रही है। यह दिन न केवल नाग देवताओं की पूजा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि कालसर्प दोष जैसे जटिल ग्रह दोषों के निवारण के लिए भी अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। इस दिन श्रद्धा और विधिपूर्वक पूजन करने से महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और राहु-केतु जैसे छाया ग्रह शांत हो जाते हैं।
कालसर्प दोष से राहत पाने के लिए उत्तम दिन
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी की कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित हों, तो वह कालसर्प दोष कहलाता है। यह दोष जीवन में अनेक प्रकार की बाधाएं, असफलताएं और मानसिक तनाव पैदा करता है। नाग पंचमी का दिन विशेष रूप से कालसर्प दोष की शांति के लिए सबसे उत्तम माना गया है, क्योंकि इस दिन नाग देवताओं और भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है। शिवजी को नागों का अधिपति माना जाता है और उनके आशीर्वाद से यह दोष शांत हो सकता है।
राहु-केतु की पीड़ा होगी शांत
नाग पंचमी के दिन भगवान शिव के साथ-साथ नाग देवता की पूजा करने से राहु और केतु की वक्री चाल या नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति मिलती है। अगर कुंडली में राहु-केतु भारी हैं, तो इस दिन विशेष पूजन, मंत्र जाप और अभिषेक करने से शांति मिलती है। महादेव को दूध, जल, बेलपत्र और चंदन अर्पित करें और नाग देवता को कच्चा दूध, अक्षत, पुष्प और दूर्वा चढ़ाएं।
नाग पंचमी पूजन विधि
1. प्रातः काल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2. घर के प्रवेश द्वार या पूजा स्थल पर नाग देवता का चित्र बनाएं या स्थापित करें।
3. कच्चे दूध से नाग देवता को स्नान कराएं।
4. अक्षत, फूल, दूर्वा, हल्दी, कुमकुम आदि अर्पित करें।
5. "ॐ नमः नागाय" या "ॐ नमो भगवते वासुकेश्वराय नमः" मंत्र का जाप करें।
6. शाम को भगवान शिव की आरती करें और रात्रि में व्रत कथा का श्रवण करें।
शिव कृपा से होती है मनोकामना पूर्ण
नाग पंचमी के दिन किया गया व्रत और पूजन घर-परिवार में सुख-शांति, धन-समृद्धि और स्वास्थ्य का संचार करता है। जिनकी कुंडली में कालसर्प या राहु-केतु से संबंधित दोष हैं, उन्हें इस दिन उपवास रखकर काशी, उज्जैन, त्र्यंबकेश्वर, या किसी शिव मंदिर में कालसर्प दोष निवारण पूजा करानी चाहिए। महादेव के आशीर्वाद से सभी बाधाएं स्वतः समाप्त हो जाती हैं।
29 जुलाई 2025 का दिन आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। नाग पंचमी के दिन शिव और नाग देवता की आराधना से न केवल ग्रह दोष शांत होते हैं, बल्कि जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होता है। जो व्यक्ति लंबे समय से समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उन्हें इस दिन विधिवत पूजन अवश्य करना चाहिए।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।