सावन 2025 का समापन 9 अगस्त को, अंतिम सोमवार 4 अगस्त को बन रहा है खास संयोग

सावन 2025 का समापन 9 अगस्त को, अंतिम सोमवार 4 अगस्त को बन रहा है खास संयोग
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हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास यानी सावन का समापन 9 अगस्त 2025 को हो रहा है। यह पूरा महीना शिवभक्तों के लिए अत्यंत पवित्र और फलदायक माना जाता है। भगवान भोलेनाथ की आराधना का यह महीना सिर्फ आध्यात्मिक उन्नति ही नहीं बल्कि पारिवारिक समृद्धि, मानसिक शांति और पापों के विनाश का भी प्रतीक है।

सावन में विशेषकर सोमवार का दिन शिव उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस वर्ष 4 अगस्त को सावन का अंतिम सोमवार पड़ रहा है, जो भक्तों के लिए एक विशेष और दुर्लभ संयोग बन रहा है। जो श्रद्धालु अभी तक किसी कारणवश नियमित पूजन नहीं कर पाए, उनके पास यह एक आखिरी अवसर है शिव कृपा पाने का।

सावन सोमवार: केवल व्रत नहीं, आत्मशुद्धि का पर्व

शास्त्रों में कहा गया है कि सावन सोमवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने, बेलपत्र अर्पित करने और “ॐ नमः शिवाय” का जाप करने से साधक के जीवन के सभी पाप कट जाते हैं। मानसिक तनाव, पारिवारिक कलह और आर्थिक संकट जैसे समस्याओं से भी मुक्ति मिलती है।

व्रती इस दिन उपवास रखते हैं, शिव मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं और रुद्राभिषेक के माध्यम से भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं। अंतिम सोमवार होने के कारण इस दिन की धार्मिक शक्ति और फल कई गुना अधिक मानी जाती है।

श्रावण का महत्व और पूजन से जुड़ी लोक मान्यताएं

पौराणिक कथाओं के अनुसार जब समुद्र मंथन हुआ था, तब हलाहल विष निकला था जिसे शिव ने अपने कंठ में धारण किया था। जिससे उनका कंठ नीला हो गया और वे नीलकंठ कहलाए। इसी कारण श्रावण मास को शिव को शीतल जल अर्पित करने का महीना माना गया।

ग्रामीण क्षेत्रों में मान्यता है कि सावन में शिव की पूजा करने से कन्याओं को उत्तम वर और विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं पुरुषों के लिए यह मास बल, बुद्धि और ब्रह्मचर्य के पालन का प्रतीक माना जाता है।

4 अगस्त: शिव आराधना का अंतिम विशेष योग न करें चूक

इस साल 4 अगस्त को अंतिम सावन सोमवार पड़ रहा है, इसलिए यह दिन पूजा-पाठ, उपवास, और शिव ध्यान के लिए विशेष फलदायक सिद्ध होगा। भक्तों को चाहिए कि इस दिन प्रातःकाल स्नान कर शिवलिंग पर जल और दूध अर्पित करें, पंचामृत से अभिषेक करें और रुद्राष्टक, शिव चालीसा या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।

यदि आप नियमित पूजा नहीं कर सके हैं, तो इस अंतिम सोमवार को पूरी श्रद्धा से पूजा कर शिव कृपा प्राप्त करने का अवसर न चूकें।

सावन का समापन, शिव भक्ति का नया संकल्प

9 अगस्त को सावन का समापन एक महत्वपूर्ण धार्मिक पड़ाव है। लेकिन उससे पूर्व 4 अगस्त का अंतिम सोमवार ऐसा अवसर है जब शिवभक्त अपनी आस्था, श्रद्धा और भक्ति के माध्यम से भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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