22 जून की रात कर्क राशि में आएंगे बुध देव, 18 जुलाई तक इस राशि में करेंगे गोचर

ज्योतिष विज्ञान के अनुसार ग्रहों की चाल का मानव जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। वर्ष 2025 में बुध ग्रह एक महत्वपूर्ण गोचर करने जा रहे हैं। यह परिवर्तन न केवल राशि चक्र की स्थिति को प्रभावित करेगा, बल्कि सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन में भी छोटे-बड़े बदलाव लाएगा। विशेष रूप से यह गोचर संचार, बुद्धिमत्ता, निर्णय क्षमता और व्यापार से जुड़े क्षेत्रों में स्पष्ट असर डालेगा।
इस बार बुध ग्रह 22 जून 2025, शनिवार की रात 9 बजकर 32 मिनट पर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद 18 जुलाई 2025, शुक्रवार की सुबह 10 बजकर 12 मिनट तक बुध इसी राशि में स्थित रहेंगे। इसके बाद यह सिंह राशि में प्रवेश करते हुए वक्री हो जाएंगे। ऐसे में आने वाले दिनों में व्यापार, करियर, संबंधों और निर्णयों से जुड़े मामलों में सतर्क रहना आवश्यक होगा।
कर्क राशि में बुध का प्रभाव: संवेदनशीलता के साथ संवाद कौशल बढ़ेगा
बुध ग्रह जब कर्क राशि में प्रवेश करते हैं तो भावनात्मकता और विचारशीलता का मेल देखने को मिलता है। कर्क एक जल तत्व की राशि है और चंद्रमा इसकी स्वामी है, जबकि बुध वायु तत्व और बुद्धि के प्रतीक हैं। ऐसे में जब बुध इस राशि में आते हैं, तो व्यक्ति के विचारों में भावनात्मक गहराई आ जाती है। यह गोचर उन लोगों के लिए बेहद लाभकारी रहेगा जो रचनात्मक लेखन, कला, मनोविज्ञान या परामर्श जैसे क्षेत्रों से जुड़े हैं।
हालांकि, कुछ मामलों में यह स्थिति निर्णय लेने में असमंजस भी उत्पन्न कर सकती है। ऐसे में जरूरी है कि लोग भावनाओं में बहकर जल्दबाजी में निर्णय न लें। यह समय सोच-समझकर बोलने और व्यवहार में संतुलन बनाए रखने का है।
वक्री अवस्था में सिंह राशि में होंगे बुध, समझदारी से लें निर्णय
18 जुलाई को जब बुध सिंह राशि में प्रवेश करेंगे, तो वह वक्री अवस्था में होंगे। वक्री बुध अक्सर संवाद में भ्रम, तकनीकी गड़बड़ियां, गलतफहमी और दस्तावेजी कामों में रुकावट पैदा कर सकते हैं। इस दौरान किसी भी बड़े निर्णय को टालना और अपने शब्दों में स्पष्टता रखना जरूरी होगा।
कार्यक्षेत्र में आपको अपने विचारों को सही तरीके से व्यक्त करना आना चाहिए, क्योंकि ग़लतफहमी की संभावनाएं बनी रहेंगी। डिजिटल, मीडिया, बैंकिंग और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों को इस समय सावधानी बरतनी चाहिए।
किन राशियों को होगा सबसे अधिक प्रभाव?
इस गोचर का विशेष प्रभाव कर्क, सिंह, मिथुन, कन्या और मकर राशि पर पड़ सकता है। कर्क राशि के जातकों के लिए यह आत्मविश्लेषण और पारिवारिक रिश्तों को मजबूत करने का समय है। सिंह राशि वालों को वक्री बुध के कारण अपने अहंकार पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता होगी। मिथुन और कन्या राशि के जातक, जिनके स्वामी स्वयं बुध हैं, उन्हें इस परिवर्तन से सतर्क रहकर काम करने की जरूरत है।
बुध का यह गोचर भावनाओं और बुद्धिमत्ता के अद्भुत मेल का समय है। यह कालचक्र जीवन के कई पहलुओं में नए दृष्टिकोण ला सकता है, बशर्ते आप संयम और सतर्कता से काम लें। यदि आप इस समय को सही दिशा में प्रयोग करते हैं, तो यह आपके लिए अनेक नए अवसर लेकर आ सकता है। इसलिए, इस बुध गोचर को एक सकारात्मक ऊर्जा की तरह लें और अपने विचारों को बेहतर दिशा देने का प्रयास करें।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।