दशहरा 2025: 1 अक्टूबर को मनाया जाएगा विजयादशमी का पर्व, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

दशहरा 2025: विजयादशमी का पर्व कब और क्यों मनाया जाता है
हिंदू धर्म में दशहरा या विजयादशमी का विशेष महत्व है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर धर्म की स्थापना की थी। इसके अलावा इसे मां दुर्गा के विजय पर्व के रूप में भी मनाया जाता है, जब देवी ने महिषासुर का संहार किया था। इस वर्ष दशहरा का पर्व 1 अक्टूबर 2025, बुधवार को धूमधाम से मनाया जाएगा।
दशहरा 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग गणना के अनुसार आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 30 सितंबर 2025 को रात 09 बजकर 17 मिनट पर प्रारंभ होगी और 1 अक्टूबर 2025 को रात 11 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में 1 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा।
दशहरा पूजन का शुभ मुहूर्त: प्रातः 06:21 से 08:40 तक (2 घंटे 19 मिनट)
इस समय में शस्त्र पूजा और विजयादशमी के विशेष अनुष्ठान करना सबसे उत्तम माना गया है।
दशहरा पर्व का धार्मिक महत्व
दशहरा न केवल श्रीराम की विजय का प्रतीक है, बल्कि यह पर्व हमें अन्याय और अधर्म के विरुद्ध खड़े होने की प्रेरणा भी देता है। इस दिन रावण दहन का आयोजन किया जाता है, जो अहंकार, लालच और बुराइयों के अंत का प्रतीक है। मां दुर्गा के भक्त इसे शक्ति की जीत के रूप में भी मनाते हैं। मान्यता है कि दशहरा के दिन किए गए पूजन, दान-पुण्य और शस्त्र पूजा से व्यक्ति को विजय, साहस और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
परंपराएं और उत्सव
दशहरा पर जगह-जगह रामलीला का आयोजन किया जाता है। शाम के समय रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया जाता है। लोग इस दिन घर में शस्त्र पूजा करते हैं और नए कार्यों की शुरुआत को शुभ मानते हैं। व्यापारी वर्ग के लिए यह दिन खास होता है, क्योंकि इसे धन-समृद्धि और सफलता का प्रतीक माना गया है।
1 अक्टूबर 2025 को दशहरा का पर्व पूरे भारत में उल्लास और भक्ति के साथ मनाया जाएगा। यह पर्व केवल धार्मिक महत्व ही नहीं रखता बल्कि यह जीवन में नैतिकता, साहस और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देता है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।