27 अगस्त से गणेश उत्सव 2025 का शुभारंभ, जानें गणेश चतुर्थी का महत्व और स्थापना विधि

27 अगस्त से गणेश उत्सव 2025 का शुभारंभ, जानें गणेश चतुर्थी का महत्व और स्थापना विधि
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27 अगस्त से गणेश उत्सव का आगाज़: घर-घर में विराजेंगे बप्पा

देशभर में श्रद्धा और भक्ति का पर्व गणेश उत्सव 27 अगस्त 2025 से शुरू होने जा रहा है। यह 10 दिवसीय महोत्सव गणेश चतुर्थी से प्रारंभ होकर अनंत चतुर्दशी तक चलता है। पहले दिन, गणेश चतुर्थी पर भक्त अपने घर, मंदिरों और पंडालों में श्री गणेश की प्रतिमा की स्थापना करते हैं। इस दिन का महत्व अत्यधिक है, क्योंकि माना जाता है कि विघ्नहर्ता गणेश जी के आगमन से जीवन में खुशहाली, समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है।

गणेश चतुर्थी का महत्व

गणेश चतुर्थी केवल एक धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि यह सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक भी है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र गणेश जी का जन्म हुआ था। गणेश जी को बुद्धि, विवेक, समृद्धि और विघ्नों को दूर करने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है। इस दिन भक्त पूरे विधि-विधान से गणेश जी का पूजन करते हैं और उन्हें मोदक, दूर्वा, लड्डू आदि का भोग अर्पित करते हैं।

स्थापना और पूजा विधि

गणेश चतुर्थी के दिन प्रातः स्नान कर घर या पंडाल को फूलों और तोरण से सजाया जाता है। शुभ मुहूर्त में गणेश जी की प्रतिमा को उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके स्थापित किया जाता है। प्रतिमा की स्थापना के बाद गणपति जी का षोडशोपचार पूजन किया जाता है, जिसमें आवाहन, आसन, स्नान, वस्त्र, आभूषण, गंध, पुष्प, नैवेद्य और आरती शामिल होते हैं। विशेष रूप से 21 दूर्वा के साथ गणेश जी को मोदक का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है।

सामाजिक और सांस्कृतिक रंग

गणेश उत्सव का एक और विशेष पहलू है इसका सामाजिक और सांस्कृतिक माहौल। पंडालों में सजावट, भजन-कीर्तन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सामाजिक सेवा कार्य होते हैं। कई स्थानों पर बड़े-बड़े गणेश पंडालों की भव्यता देखने लायक होती है। यह पर्व केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि भाईचारे और सामूहिकता का भी संदेश देता है।

समापन: अनंत चतुर्दशी पर विसर्जन

गणेश उत्सव का समापन 10वें दिन अनंत चतुर्दशी को होता है, जब बप्पा को जल में विसर्जित किया जाता है। यह विदाई इस भावना के साथ होती है कि अगले वर्ष बप्पा फिर से घर-घर में विराजमान होंगे और अपने भक्तों पर कृपा बरसाएंगे।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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