हनुमान जन्मोत्सव 2025, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, भोग, मंत्र और आरती का महत्व

हनुमान जन्मोत्सव 2025, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, भोग, मंत्र और आरती का महत्व
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हनुमान जन्मोत्सव का पर्व पूरे भारतवर्ष में भक्तिभाव और हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह दिन केवल एक पर्व नहीं, बल्कि रामभक्त हनुमान जी की अपार शक्ति, भक्ति और समर्पण को स्मरण करने का अवसर होता है। चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाने वाला यह उत्सव इस बार 12 अप्रैल 2025 को पड़ रहा है। इस दिन भक्तजन हनुमान जी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना कर अपने जीवन से संकटों का नाश और सुख-शांति की कामना करते हैं।

शुभ मुहूर्त में करें हनुमान पूजा, मिलेगा अक्षय पुण्य

पंचांग के अनुसार, हनुमान जन्मोत्सव के दिन हनुमान जी की पूजा करने का सर्वश्रेष्ठ समय ब्रह्म मुहूर्त से लेकर सूर्योदय तक और फिर प्रदोष काल में होता है। इस बार हनुमान जयंती पर पूजन का शुभ मुहूर्त 12 अप्रैल को सुबह 5:08 बजे से लेकर सुबह 6:35 बजे तक और शाम 6:45 बजे से रात 8:30 बजे तक रहेगा। इन समयों में पूजा करने से भगवान हनुमान शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं।

हनुमान जी की पूजन विधि: सरल लेकिन प्रभावशाली उपाय

हनुमान जन्मोत्सव के दिन प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और घर के मंदिर या हनुमान मंदिर में जाकर पूजा सामग्री तैयार रखें। एक लाल वस्त्र पर हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। उन्हें सिंदूर, चोला, लाल फूल, चमेली का तेल, तुलसी दल, गुग्गुल, धूप, दीप और गुड़-चना का भोग अर्पित करें। हनुमान जी को विशेष रूप से लाल रंग प्रिय होता है, अतः पूजा में लाल फूलों और लाल वस्त्रों का विशेष महत्व होता है।

हनुमान मंत्र का जाप: आत्मबल और रक्षा का सूत्र

हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए इस दिन विशेष मंत्रों का जाप करना अत्यंत फलदायी होता है। कुछ प्रभावशाली मंत्र निम्नलिखित हैं:

* ॐ हं हनुमते नमः।

* ॐ श्री रामदूताय नमः।

* ॐ अंजनीसुताय नमः।

इन मंत्रों का 108 बार जाप करने से मनोबल में वृद्धि होती है और सभी प्रकार के भय और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।

हनुमान जी को अर्पित करें प्रिय भोग

हनुमान जी को बूंदी के लड्डू, चने और गुड़ का भोग विशेष रूप से प्रिय है। इस दिन उन्हें तुलसी पत्र के साथ इन सामग्रियों का भोग लगाएं। चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर उनका चोला चढ़ाना भी विशेष फलदायी माना गया है।

हनुमान आरती: भक्ति से जुड़ने का सबसे सशक्त माध्यम

पूजन के अंत में हनुमान जी की आरती करना अत्यंत शुभ माना जाता है। प्रसिद्ध आरती "आरती कीजै हनुमान लला की" को भक्तजन पूरे भाव और भक्ति के साथ गाते हैं। आरती से घर का वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

हनुमान जन्मोत्सव पर की गई श्रद्धा और निष्ठा से की गई पूजा न केवल भक्तों के जीवन में ऊर्जा और विश्वास का संचार करती है, बल्कि आत्मिक बल, साहस और रोग-शोक से मुक्ति भी प्रदान करती है। संकटमोचन हनुमान जी की उपासना हर उस व्यक्ति के लिए अनमोल है जो जीवन में स्थिरता, रक्षा और आध्यात्मिक उन्नति चाहता है। ऐसे में इस पावन दिन को श्रद्धा, नियम और विधि-विधान से मनाकर हनुमान जी की कृपा पाना हर भक्त के लिए सौभाग्य की बात है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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