इंदिरा एकादशी 2025: तिथि, व्रत का महत्व, शुभ योग और नक्षत्र का संयोग

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि इस वर्ष 17 सितंबर 2025, बुधवार को मनाई जाएगी। एकादशी तिथि का आरंभ 17 सितंबर की रात 12:21 बजे से हो रहा है और इसका समापन उसी दिन रात 11:39 बजे पर होगा। उदयातिथि के हिसाब से इस दिन व्रत और पूजा का विशेष महत्व है। इसीलिए भक्तजन इसी दिन इंदिरा एकादशी का व्रत रखेंगे।
इंदिरा एकादशी व्रत का धार्मिक महत्व
इंदिरा एकादशी का व्रत पितृपक्ष के दौरान आने के कारण और भी अधिक फलदायी माना गया है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा-पाठ करने से न केवल स्वयं को पुण्य लाभ मिलता है, बल्कि पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है। व्रती भगवान विष्णु की पूजा करके अपने पूर्वजों की आत्मा की मुक्ति और सुख-समृद्धि की कामना करता है।
इंदिरा एकादशी पर बन रहे विशेष योग
1. इस साल इंदिरा एकादशी पर दो शुभ योग बन रहे हैं।
2. परिघ योग: यह योग सुबह से लेकर रात 10:55 बजे तक रहेगा।
3. शिव योग: परिघ योग समाप्त होने के बाद रात से शिव योग प्रारंभ होगा।
4. इन शुभ योगों में व्रत और पूजा करने से दोगुना फल प्राप्त होता है।
नक्षत्र का महत्व
इस दिन पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। पुनर्वसु नक्षत्र सुबह 6:26 बजे तक रहेगा, जिसके बाद दिनभर पुष्य नक्षत्र का प्रभाव रहेगा। पुष्य नक्षत्र को अत्यंत शुभ माना जाता है और इसमें किया गया हर धार्मिक कार्य दीर्घकालीन फल प्रदान करता है।
इंदिरा एकादशी 2025 का दिन भक्तों और व्रतियों के लिए विशेष होने वाला है। इस दिन किए गए व्रत, दान और पूजा न केवल जीवन से पापों को दूर करते हैं बल्कि पितरों की आत्मा को भी शांति प्रदान करते हैं। इसलिए भक्तजन पूरे श्रद्धाभाव के साथ इस व्रत को संपन्न करें और भगवान विष्णु की आराधना करें।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।