28 जुलाई को मंगल का कन्या राशि में गोचर, बदल जाएगा कई राशियों का भाग्य, जानिए क्या होंगे प्रभाव

वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को ऊर्जा, साहस, पराक्रम, क्रोध, भूमि, युद्ध और निर्णय क्षमता का कारक माना जाता है। यह ग्रह जब भी राशि परिवर्तन करता है, तो उसका प्रभाव सभी राशियों पर किसी न किसी रूप में पड़ता है। इस बार 28 जुलाई 2025 को मंगल सिंह राशि को छोड़कर कन्या राशि में प्रवेश करेगा, जहां वह पृथ्वी तत्व की राशि में प्रवेश कर कुछ राशियों को स्थिरता और मेहनत का फल देगा, वहीं कुछ के लिए यह समय संघर्षपूर्ण हो सकता है।
कन्या राशि में मंगल का प्रवेश: क्या होंगे इसके ज्योतिषीय संकेत?
कन्या राशि बुध ग्रह की राशि मानी जाती है और मंगल तथा बुध के स्वभाव में अंतर होता है। एक ओर मंगल तेज, गुस्से और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है, तो दूसरी ओर बुध तार्किकता, बुद्धिमत्ता और विश्लेषण क्षमता से जुड़ा हुआ है। ऐसे में जब मंगल इस राशि में गोचर करता है, तो व्यक्ति की सोच, काम करने का तरीका और व्यवहार में बदलाव देखने को मिलता है। यह स्थिति विश्लेषणात्मक शक्ति को बढ़ा सकती है लेकिन साथ ही निर्णय लेने में असमंजस की स्थिति भी ला सकती है।
राशियों पर असर: जानिए कौन सी राशियाँ रहें सतर्क और किन्हें मिलेगा लाभ
मेष और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए मंगल स्वग्रह होने के कारण यह गोचर विशेष महत्व रखता है। नौकरीपेशा लोगों को कार्यस्थल पर कड़ी मेहनत के बाद सफलता मिलने की संभावना है। वहीं, मिथुन, कन्या और धनु राशि के लिए यह समय स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने का संकेत दे रहा है। वृषभ, तुला और कुंभ राशि के जातकों को भूमि, वाहन या संपत्ति से संबंधित मामलों में लाभ मिल सकता है।
क्या करें और क्या न करें इस गोचर के दौरान?
इस गोचर के दौरान अत्यधिक आवेश और ग़ुस्से से बचना आवश्यक होगा। निर्णय लेने में धैर्य और समझदारी दिखाएं। भूमि से जुड़े कार्यों में सोच-समझकर कदम उठाएं। इस समय वाणी पर संयम और स्वास्थ्य के प्रति सतर्कता आवश्यक है। मंगल के अनुकूल प्रभाव के लिए 'हनुमान चालीसा' का पाठ, मंगलवार को व्रत और लाल रंग के वस्त्रों का प्रयोग शुभ माना जाता है।
एक नई ऊर्जा का संचार लेकिन संतुलन जरूरी
कन्या राशि में मंगल का प्रवेश नए अवसरों, विचारों और चुनौतियों को लेकर आएगा। यह समय है जब मेहनत रंग ला सकती है लेकिन जल्दबाज़ी या अधीरता नुकसानदेह हो सकती है। ग्रहों का यह गोचर जीवन में एक नई दिशा दे सकता है—यदि इसे सही दृष्टिकोण और धैर्य के साथ लिया जाए।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।