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मोक्ष और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाली मोहिनी एकादशी व्रत 2025, जानिए व्रत की तारीख, शुभ मुहूर्त और महत्व

मोक्ष और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाली मोहिनी एकादशी व्रत 2025, जानिए व्रत की तारीख, शुभ मुहूर्त और महत्व
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व्रत का विशेष महत्व और फलदायी परंपरा

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है और शास्त्रों में इसे अत्यंत पुण्यदायी व्रत माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मोहिनी एकादशी का व्रत रखने से साधक को जीवन के समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है और उसे मोक्ष व सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु इस दिन 'मोहिनी' रूप में प्रकट हुए थे, जिसने असुरों को मोह में डालकर देवताओं को अमृत प्रदान किया था। इस कारण इस एकादशी को "मोहिनी" नाम दिया गया है।

माना जाता है कि इस व्रत को श्रद्धा और नियमों के साथ करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है, जो हजारों वर्षों की तपस्या के बराबर होती है। इस दिन भक्तजन उपवास रखते हैं, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते हैं और तुलसी, फल व पंचामृत से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।

मोहिनी एकादशी 2025 में कब है? जानिए व्रत और पारण का समय

वर्ष 2025 में मोहिनी एकादशी व्रत 8 मई, गुरुवार को रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि का प्रारंभ 7 मई 2025 को प्रातः 10:19 बजे से होगा और इसका समापन 8 मई को दोपहर 12:29 बजे तक रहेगा। व्रत रखने वाले श्रद्धालु आमतौर पर तिथि के अनुसार ही उपवास करते हैं और रात्रि में जागरण कर भगवान विष्णु की आराधना करते हैं।

व्रत पारण, यानी उपवास तोड़ने का समय 9 मई 2025 को प्रातः 6:06 बजे से 8:42 बजे तक शुभ माना गया है। शास्त्रीय नियमों के अनुसार पारण एकादशी तिथि समाप्त होने के बाद द्वादशी में किया जाता है।


पूजा विधि और व्रत के नियम

इस दिन व्रती को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर पवित्र भाव से व्रत का संकल्प लेना चाहिए। घर में भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाकर, फल-फूल, पंचामृत, तुलसी पत्र और गंगाजल से पूजन करना चाहिए। दिनभर उपवास रखते हुए विष्णु सहस्रनाम, गीता पाठ या श्री हरि स्तुति करनी चाहिए। रात को जागरण कर प्रभु का नाम स्मरण करना अति पुण्यकारी होता है।

व्रतधारी को इस दिन क्रोध, तामसिक भोजन, झूठ, परनिंदा और अपवित्र कर्मों से दूर रहना चाहिए। जो व्यक्ति इस दिन श्रद्धा भाव से व्रत करता है, उसे जीवन में सुख, यश, वैभव और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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