तुलसी विवाह, कार्तिक माह की द्वादशी पर तुलसी माता और भगवान शालिग्राम का वैवाहिक संगम
- In जीवन-धर्म 11 Nov 2024 2:48 PM IST
हर साल कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को विशेष धार्मिक अनुष्ठान के रूप में तुलसी माता का भगवान शालिग्राम के साथ विवाह करवाया जाता है। इस वर्ष यह पावन तिथि 13 नवंबर 2024 को पड़ रही है। तुलसी विवाह का आयोजन विशेष रूप से हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है, और यह अवसर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है, बल्कि इससे संबंधित कई शुभ फल भी प्राप्त होते हैं। इस दिन के बारे में धार्मिक मान्यता है कि भगवान शालिग्राम, जो कि भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं, के साथ तुलसी का विवाह भक्तों को अत्यधिक पुण्य और आशीर्वाद प्रदान करता है।
तुलसी विवाह का महत्व
तुलसी विवाह को लेकर कई धार्मिक कथाएँ और मान्यताएँ प्रचलित हैं। हिंदू धर्म में तुलसी को एक पवित्र पौधा माना जाता है, जो न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है। भगवान शालिग्राम के साथ तुलसी का विवाह इस दिन विशेष रूप से बड़े श्रद्धा भाव से संपन्न किया जाता है, जो भक्तों को अपार पुण्य, समृद्धि, स्वास्थ्य और संतुष्टि प्रदान करता है।
भगवान शालिग्राम और तुलसी माता का संबंध
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शालिग्राम को भगवान विष्णु का प्रत्यक्ष रूप माना जाता है। शालिग्राम के बारे में कहा जाता है कि वे पृथ्वी पर भगवान विष्णु का रूप हैं, जो भक्तों को अपने आशीर्वाद से समृद्धि और सुख-शांति प्रदान करते हैं। तुलसी माता का भी विशेष स्थान है। उन्हें देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है, जो घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास करती हैं।
इन दोनों के विवाह को लेकर यह मान्यता है कि यह अनुष्ठान घर में सुख-समृद्धि, मानसिक शांति, और आर्थिक उन्नति लाता है। इसके साथ ही, तुलसी विवाह के दिन विशेष रूप से किसी भी प्रकार के नकारात्मक ऊर्जा का नाश और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
तुलसी विवाह के लाभ
तुलसी विवाह का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके कई अद्भुत लाभ भी माने जाते हैं:
1. पापों का नाश
तुलसी विवाह के दिन तुलसी माता और भगवान शालिग्राम के विवाह से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है। यह अनुष्ठान पुण्य के साथ-साथ आत्मिक शुद्धता की प्राप्ति का भी कारण बनता है।
2. धन और संपत्ति में वृद्धि
इस दिन तुलसी विवाह से घर में समृद्धि और धन का वास होता है। इस पूजा से विशेष रूप से उन लोगों को लाभ मिलता है, जिनके घर में आर्थिक तंगी या परेशानियाँ हों।
3. स्वास्थ्य लाभ
तुलसी के पौधे को औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। इसके साथ भगवान शालिग्राम की पूजा से शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार आता है और जीवन में शांति और संतुलन बना रहता है।
4. संतान सुख की प्राप्ति
तुलसी विवाह को संतान सुख प्राप्ति के लिए भी अत्यंत प्रभावी माना जाता है। विशेष रूप से विवाह योग्य लड़कियाँ और संतान सुख की कामना करने वाले लोग इस दिन विशेष पूजा करते हैं।
5. सम्पूर्ण जीवन में सुख-शांति
यह दिन घर में सुख-शांति और प्रेम का वास करता है। परिवार के सभी सदस्य मानसिक शांति महसूस करते हैं और जीवन की समस्याएँ दूर होती हैं।
तुलसी विवाह की विधि
तुलसी विवाह का आयोजन बेहद सरल है, लेकिन इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ करना चाहिए। इस दिन घर में तुलसी के पौधे के पास एक मंडप बनाकर उसमें भगवान शालिग्राम की मूर्ति या शिला रखें। इसके बाद पूजा के समय तुलसी के पौधे को स्नान कराकर उसे सुंदर आभूषणों से सजाएं। फिर, शालिग्राम को विवाह के लिए तुलसी के साथ विधिपूर्वक विवाह संस्कार संपन्न करें। इस दिन विशेष रूप से हल्दी, फूल, मिठाई, और फल आदि का भोग अर्पित किया जाता है, और साथ ही घर के सभी सदस्यों को प्रसाद वितरित किया जाता है।
तुलसी विवाह का आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। 13 नवंबर 2024 को आने वाली इस पवित्र तिथि पर तुलसी माता और भगवान शालिग्राम का विवाह करने से हर प्रकार की कठिनाइयाँ दूर होती हैं और जीवन में सुख, समृद्धि और उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है। अगर आप इस दिन तुलसी विवाह का आयोजन पूरी श्रद्धा से करते हैं, तो यह आपके जीवन को बेहतर बना सकता है और आपके घर में स्थायी सुख-शांति का वास कर सकता है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।