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देवउठनी एकादशी पर उज्जैन के बाबा महाकाल का अद्भुत श्रृंगार, भक्तों ने किया दिव्य दर्शन

देवउठनी एकादशी पर उज्जैन के बाबा महाकाल का अद्भुत श्रृंगार, भक्तों ने किया दिव्य दर्शन

आज 12 नवंबर 2024 को देवउठनी...PS

आज 12 नवंबर 2024 को देवउठनी एकादशी के पावन अवसर पर उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल का भव्य श्रृंगार किया गया। इस खास दिन पर आयोजित भस्म आरती के दौरान, हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा के दिव्य रूप का दर्शन किया, जो उनके हृदय में एक गहरी आस्था और शांति का संचार कर रहा था। महाकाल के इस अद्भुत रूप ने न केवल भक्तों को मंत्रमुग्ध किया, बल्कि इस दिन की धार्मिक महिमा को और भी ऊँचा किया।


बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार


देवउठनी एकादशी के दिन महाकाल मंदिर में बाबा के लिए विशेष श्रृंगार की प्रक्रिया संपन्न हुई। इस दिन बाबा महाकाल को चढ़ाए गए वस्त्र, आभूषण और फूलों की सजावट विशेष रूप से आकर्षक थी। भक्तों ने बाबा के इस रूप को देखकर अपने हृदय में भक्ति का सागर अनुभव किया। महाकाल के श्रृंगार में चांदी और सोने से बने आभूषणों की झलक, और उनकी प्रतिमा पर चढ़ाई गई खास सामग्री ने इस दिन को और भी विशेष बना दिया।


भस्म आरती का महत्व


भस्म आरती महाकाल के मंदिर का एक प्रमुख अनुष्ठान है, जिसे हर दिन बड़ी श्रद्धा से अर्पित किया जाता है। देवउठनी एकादशी पर आयोजित इस आरती का विशेष महत्व था, क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु के जागने के साथ-साथ महाकाल के भक्तों का मन भी एक नई ऊर्जा से भर जाता है। भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल की भस्म से श्रृंगारित प्रतिमा भक्तों के सामने प्रस्तुत की जाती है, जो न केवल उनके दिव्य रूप का प्रतीक होती है, बल्कि यह भगवान शिव की महिमा को भी दर्शाती है।


भक्तों का उत्साह


आज के दिन बाबा महाकाल के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे। भस्म आरती के दौरान मंदिर परिसर में भव्य आयोजन किया गया, जिसमें भक्तों ने भगवान शिव की महिमा का गान किया और बाबा महाकाल से आशीर्वाद प्राप्त किया। बाबा महाकाल के अद्भुत श्रृंगार और भस्म आरती ने भक्तों के दिलों को शांति और सुकून प्रदान किया। हर कोई बाबा की भव्यता में खो गया था, और उनकी कृपा से अपने जीवन में सुख और समृद्धि की कामना कर रहा था।


देवउठनी एकादशी का यह दिन महाकाल के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और विशेष था। इस दिन बाबा महाकाल का अद्भुत श्रृंगार और भस्म आरती ने ना केवल भक्तों के मन को शांति दी, बल्कि उन्हें दिव्य अनुभव भी कराया। बाबा महाकाल के इस रूप ने यह साबित कर दिया कि आस्था और भक्ति के माध्यम से हम अपनी जीवन यात्रा में सच्ची शांति और सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।

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