राहु-केतु के प्रभाव से बचने के लिए घर में बरतें ये सावधानियां
- In जीवन-धर्म 20 Nov 2024 12:30 PM IST
ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को पाप ग्रहों की श्रेणी में रखा जाता है, क्योंकि इन ग्रहों का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में असंतुलन, समस्याएँ और उतार-चढ़ाव ला सकता है। वास्तु शास्त्र में भी इन दोनों ग्रहों को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि इनकी स्थिति और प्रभाव से घर की ऊर्जा पर गहरा असर पड़ सकता है। हालांकि, यदि इन ग्रहों की स्थिति का सही तरीके से आकलन किया जाए और इनके प्रभाव से बचने के उपाय किए जाएं, तो ये ग्रह सकारात्मक परिणाम भी दे सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि अपने घर में राहु और केतु के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए कौन सी सावधानियां अपनानी चाहिए।
राहु और केतु का असर और महत्व
राहु और केतु ग्रहों का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में संकट, भ्रम, मानसिक तनाव, और अचानक होने वाली घटनाओं के रूप में महसूस होता है। राहु की स्थिति जहां भ्रम, विकार और झूठी महत्वाकांक्षाओं को जन्म देती है, वहीं केतु आत्मनिर्भरता, मानसिक अस्थिरता और अप्रत्याशित घटनाओं का कारण बन सकता है। इन ग्रहों का प्रभाव न केवल व्यक्तिगत जीवन बल्कि घर की सुख-शांति और समृद्धि पर भी असर डाल सकता है।
घर में राहु-केतु से जुड़ी सावधानियां
1. घर के प्रवेश द्वार की दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मुख्य दरवाजे की दिशा राहु और केतु के प्रभाव को नियंत्रित कर सकती है। यदि घर का मुख्य दरवाजा उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान) या दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) दिशा में है, तो यह राहु के प्रभाव को बढ़ा सकता है। ऐसे में घर के प्रवेश द्वार को सही दिशा में रखना बेहद महत्वपूर्ण है। उत्तर और पूर्व दिशा के दरवाजे को प्राथमिकता दें, क्योंकि ये दिशाएं सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं।
2. घर में साफ-सफाई और अनुशासन
राहु और केतु के प्रभाव से बचने के लिए घर में नियमित सफाई और अनुशासन बनाए रखना जरूरी है। गंदगी और अव्यवस्था राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव को बढ़ा सकती है। इसके अलावा, बिखरी हुई चीजों से घर की ऊर्जा में भी असंतुलन आता है, जिससे मानसिक तनाव और समस्याएँ बढ़ सकती हैं।
3. राहु-केतु की छाया से बचाव
राहु और केतु की छाया, अर्थात इन ग्रहों का ऊर्जा क्षेत्र, घर की सुख-शांति को प्रभावित कर सकता है। यह विशेष रूप से उन स्थानों पर ज्यादा प्रभाव डालता है, जो घर के केंद्र या उत्तर-पूर्व दिशा में होते हैं। इसलिए इन स्थानों को खाली और शांति से भरपूर रखें।
4. घर में रंगों का चुनाव
राहु और केतु का प्रभाव घर के रंगों से भी जुड़ा हुआ है। राहु के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए घर में नीले, काले और ग्रे रंगों का इस्तेमाल कम करें। इसके बजाय, सफेद, पीला और हल्का हरा रंग घर में इस्तेमाल करें, जो सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है और राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम करता है।
5. राहु-केतु से संबंधित वास्तु दोषों को ठीक करना
यदि घर में राहु और केतु से संबंधित कोई वास्तु दोष हो, जैसे कि घर का मुख्य द्वार दोषपूर्ण हो, या किसी स्थान पर अनुकूलता की कमी हो, तो इन्हें ठीक करना जरूरी है। यह कार्य विशेषज्ञ वास्तु शास्त्रियों की सलाह से किया जा सकता है। छोटे से बदलाव भी घर में सकारात्मकता लाने में मदद कर सकते हैं।
6. मूलांक और राशियों का ध्यान रखें
राहु और केतु का प्रभाव व्यक्ति की जन्म कुंडली और राशियों के हिसाब से भी बदलता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु का दुष्प्रभाव हो, तो घर में उनके लिए विशेष उपाय किए जा सकते हैं। जैसे, उनके सोने और बैठने की दिशा को सही करना और खास तौर पर इन ग्रहों से संबंधित रत्नों का इस्तेमाल करना।
सावधानी और उपाय
1. चांदी की धातु का प्रयोग
राहु और केतु से बचने के लिए चांदी का उपयोग करना एक लाभकारी उपाय है। चांदी की वस्तुएं घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं और राहु के दुष्प्रभाव को कम करती हैं।
2. नौकरी और व्यवसाय में सफलता के उपाय
राहु के प्रभाव से व्यापार में विघ्न आ सकते हैं, इसलिए व्यापारी वर्ग को अपने कार्यस्थल में उपयुक्त दिशा और ऊर्जा का ध्यान रखना चाहिए। विशेष रूप से उत्तरी और पूर्वी दिशा की तरफ कार्य स्थल को सजाना चाहिए।
3. राहु-केतु की पूजा और अनुष्ठान
राहु और केतु से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए इनके मंत्रों का जाप या पूजा करना लाभकारी हो सकता है। विशेष रूप से राहु के लिए "ॐ राहवे नम:" और केतु के लिए "ॐ केतवे नम:" का जाप करने से सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।
राहु और केतु का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में चुनौतियाँ उत्पन्न कर सकता है, लेकिन यदि इन ग्रहों के प्रभाव को समझा जाए और उचित सावधानियां बरती जाएं, तो यह जीवन में सुख-समृद्धि और शांति ला सकते हैं। घर में सही वास्तु नियमों का पालन, रंगों का ध्यान रखना और छोटे-छोटे उपायों को अपनाना राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।