पितृ पक्ष 2025 की शुरुआत: जानिए 8 सितंबर से कब और कैसे होंगे श्राद्ध कर्म

पितृ पक्ष 2025: कब से शुरू होंगे श्राद्ध कर्म
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व माना गया है। यह समय अपने पूर्वजों को तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध अर्पित करने का होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद मास की पूर्णिमा समाप्त होते ही और अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से श्राद्ध पक्ष की शुरुआत होती है। इस वर्ष 2025 में पितृ पक्ष का आरंभ 8 सितंबर से हो रहा है, जो पूरे 16 दिनों तक चलेगा। इस दौरान लोग श्रद्धा और आस्था के साथ अपने पितरों को स्मरण कर पूजा-अर्चना करेंगे।
पितृ पक्ष का धार्मिक महत्व
पौराणिक मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने वंशजों से तर्पण एवं श्राद्ध की अपेक्षा करते हैं। इस कालखंड में किए गए दान-पुण्य और श्राद्ध कर्म से पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है। इसके साथ ही घर-परिवार में सुख-समृद्धि और सौभाग्य की वृद्धि होती है। शास्त्रों में कहा गया है कि जो व्यक्ति पितरों का श्राद्ध नहीं करता, उसे जीवन में कई तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
पितृ पक्ष में किए जाने वाले कर्म
श्राद्ध पक्ष में विशेष रूप से तर्पण, पिंडदान और ब्राह्मण भोजन का आयोजन किया जाता है। परिवार के सदस्य अपने पूर्वजों के नाम से जल अर्पित करते हैं और पकवान बनाकर उनकी आत्मा को समर्पित करते हैं। इस अवधि में धार्मिक ग्रंथों का पाठ, हवन और दान-पुण्य करने की परंपरा भी है। कई लोग इस समय गया जी या अन्य तीर्थस्थलों पर जाकर पितरों का पिंडदान करते हैं।
पितरों को प्रसन्न करने का महत्व
श्राद्ध पक्ष के दौरान पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए आचरण में सात्विकता और पवित्रता बनाए रखना बेहद जरूरी माना जाता है। मान्यता है कि इस काल में किया गया तर्पण और दान सीधे पितरों तक पहुंचता है और उनकी कृपा से परिवार में शांति और समृद्धि का संचार होता है।
इस वर्ष पितृ पक्ष 8 सितंबर 2025 से आरंभ होकर 22 सितंबर 2025 तक चलेगा। यह समय केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि पारिवारिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे में श्रद्धा और भावनाओं के साथ पूर्वजों को स्मरण करना हर व्यक्ति का कर्तव्य माना गया है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।