पितृ पक्ष 2025: 100 साल बाद सूर्य और चंद्र ग्रहण का अद्भुत संयोग, इन 3 राशियों को मिलेगा बड़ा लाभ

100 साल बाद पितृ पक्ष में बना अनोखा ग्रहण संयोग
हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष 2025 का पितृ पक्ष बेहद खास रहने वाला है। इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर 2025 से हो रही है और इसका समापन 21 सितंबर 2025 को होगा। खास बात यह है कि इस पूरे पखवाड़े की शुरुआत और समापन दोनों ही ग्रहण के साथ हो रहे हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, सूर्य और चंद्र ग्रहण का यह अद्भुत संयोग पूरे 100 साल बाद बनने जा रहा है।
पितृ पक्ष का महत्व
सनातन धर्म में पितृ पक्ष को पूर्वजों के तर्पण और श्राद्ध के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस अवधि में पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए श्राद्ध, दान और पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस बार पितृ पक्ष में बनने वाला ग्रहण योग इसे और भी महत्वपूर्ण बना रहा है, क्योंकि ग्रहण काल को कर्मों के फल और जीवन में बदलाव का कारक माना जाता है।
ग्रहण काल का ज्योतिषीय प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब पितृ पक्ष के दौरान ग्रहण का संयोग बनता है, तब इसका सीधा असर राशियों और जीवन की परिस्थितियों पर पड़ता है। यह स्थिति न सिर्फ आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष है, बल्कि भौतिक जीवन पर भी इसका असर दिखाई देगा। इस बार सूर्य और चंद्र ग्रहण का संयुक्त प्रभाव लोगों को नए अवसर, आर्थिक लाभ और शुभ समाचार प्रदान करेगा।
इन 3 राशियों को मिलेगा विशेष लाभ
1. वृषभ राशि – इस राशि के जातकों को धन और संपत्ति से जुड़े मामलों में बड़ी सफलता मिलेगी। रुका हुआ धन वापस मिलने की संभावना है।
2. कन्या राशि – कार्यक्षेत्र में तरक्की और नए अवसर प्राप्त होंगे। लंबे समय से अटके कार्य पूर्ण होंगे।
3. धनु राशि – इस राशि के लोगों के लिए यह समय सौभाग्यशाली रहेगा। निवेश से लाभ होगा और पारिवारिक जीवन में खुशहाली आएगी।
पितृ पक्ष में करें ये उपाय
ग्रहण काल और पितृ पक्ष दोनों का एक साथ होना अत्यंत दुर्लभ संयोग है। इस अवधि में तर्पण, श्राद्ध और दान करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है। ग्रहण के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है। तुलसी, तिल, अन्न और वस्त्र का दान करना इस समय विशेष पुण्य फलदायी रहेगा।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।