रक्षाबंधन 2025 में बन रहे हैं अद्भुत योग:, 297 वर्षों बाद आ रहा है ऐसा महासंयोग, जानिए मुहूर्त और महत्व

रक्षाबंधन, भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक पर्व, इस वर्ष केवल भावनात्मक ही नहीं बल्कि खगोलीय दृष्टि से भी अत्यंत विशेष बनने जा रहा है। इस बार यह पर्व एक नहीं, बल्कि कई शुभ संयोगों के साथ आ रहा है, जिनमें से एक ऐसा दुर्लभ योग भी बन रहा है जो 297 वर्षों बाद घटित हो रहा है। ये संयोग इस पर्व को और भी ज्यादा पावन, प्रभावशाली और कल्याणकारी बना रहे हैं।
रक्षाबंधन 2025 की तिथि और मुहूर्त
इस साल रक्षाबंधन का पर्व 18 अगस्त 2025, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन श्रावण पूर्णिमा है, जो रक्षाबंधन के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।
शुभ राखी बांधने का मुहूर्त:
* रक्षाबंधन तिथि प्रारंभ: 17 अगस्त 2025 को रात 11:21 बजे
* रक्षाबंधन तिथि समाप्त: 18 अगस्त को रात 09:16 बजे
*राखी बांधने का श्रेष्ठ समय: सुबह 06:03 से शाम 06:48 तक
* भद्रा काल: इस दिन भद्रा का साया नहीं रहेगा, जिससे पूरे दिन राखी बांधना शुभ रहेगा।
297 साल बाद बन रहा है दुर्लभ संयोग, क्यों है यह रक्षाबंधन इतना खास?
इस वर्ष रक्षाबंधन पर चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में और कुंभ राशि में स्थित रहेगा, वहीं सोमवार के दिन यह पर्व आ रहा है, जो चंद्रमा का ही दिन होता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, श्रवण नक्षत्र, कुंभ राशि और सोमवार का यह संयोग पिछली बार वर्ष 1728 में बना था, यानी पूरे 297 वर्षों बाद यह संयोग पुनः घटित हो रहा है।
यह त्रिग्रही योग भाई-बहन के रिश्ते को और अधिक मजबूत करने वाला तथा जीवन में शांति, समृद्धि और शुभता लाने वाला माना जाता है।
रक्षा सूत्र का धार्मिक महत्व और परंपरा
रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र यानी राखी बांधती है और उसके दीर्घायु, सुख-समृद्धि और सफलता की कामना करती है। भाई, इस बंधन को निभाने का वचन देता है और जीवन भर अपनी बहन की रक्षा का संकल्प लेता है।
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, रक्षाबंधन का उल्लेख महाभारत, विष्णु पुराण और भविष्य पुराण जैसे ग्रंथों में भी मिलता है। ऐसा माना जाता है कि जब द्रौपदी ने श्रीकृष्ण को राखी बांधी थी, तब उन्होंने जीवनभर उसकी रक्षा का वादा किया था।
क्या करें इस दिन: शुभता बढ़ाने के उपाय
1. राखी बांधते समय भाई के माथे पर तिलक लगाएं और अक्षत रखें
2. रक्षा सूत्र बांधते समय मन में प्रार्थना करें – "येन बद्धो बलि राजा..."
3. भाई को मिठाई खिलाएं और आशीर्वाद लें
4. इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से मनोकामना पूर्ति होती है
रक्षाबंधन 2025 – केवल प्रेम का नहीं, ग्रहों का भी विशेष उत्सव
इस वर्ष का रक्षाबंधन सिर्फ भाई-बहन के प्यार का उत्सव नहीं, बल्कि खगोलीय संयोगों और आध्यात्मिक ऊर्जा का पर्व भी बन गया है। 297 वर्षों के बाद बन रहा यह विशेष योग इसे और भी पवित्र बनाता है। यदि आप इस दिन पूजा, राखी और व्रत विधिपूर्वक करते हैं, तो न केवल पारिवारिक रिश्ते मजबूत होंगे, बल्कि सौभाग्य और सुख की प्राप्ति भी सुनिश्चित होगी।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।