सावन में क्यों बढ़ जाता है रुद्राभिषेक का महत्व? जानें शिव कृपा पाने का श्रेष्ठ उपाय

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन या श्रावण मास भगवान शिव को अत्यंत प्रिय होता है। यह महीना पूरी तरह से शिव भक्ति को समर्पित होता है, और इस दौरान की गई आराधना विशेष फलदायी मानी जाती है। खासतौर पर रुद्राभिषेक, जो शिवलिंग पर विभिन्न सामग्रियों से अभिषेक की एक पावन विधि है, सावन में इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस मास में रुद्राभिषेक करने से न केवल मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, बल्कि जीवन के सभी कष्ट भी समाप्त हो जाते हैं।
क्या है रुद्राभिषेक और क्यों है यह खास?
रुद्राभिषेक का अर्थ है – भगवान शिव के रुद्र रूप की विधिवत पूजा एवं अभिषेक करना। इसमें जल, दूध, शहद, घृत, दही, गंगाजल, बेलपत्र, चंदन, सफेद पुष्प आदि से शिवलिंग का स्नान कराया जाता है। यह प्रक्रिया न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करती है, बल्कि मानसिक शांति, रोग नाश और आध्यात्मिक जागरण का माध्यम भी बनती है।
श्रावण मास में यह अनुष्ठान अत्यधिक प्रभावशाली होता है क्योंकि यह वह काल होता है जब शिव तत्व पृथ्वी पर अत्यंत सक्रिय रहते हैं और भक्तों की पुकार को सहजता से स्वीकार करते हैं।
आध्यात्मिक और सांसारिक लाभ
सावन में रुद्राभिषेक करने से कई लाभ मिलते हैं:
1. मानसिक तनाव, भय और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
2. दांपत्य जीवन में मधुरता और समृद्धि आती है।
3. नौकरी, व्यापार या शिक्षा में आ रही बाधाएं समाप्त होती हैं।
4. पितृ दोष और ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है।
5. आत्मा की शुद्धि और मोक्ष की ओर मार्ग प्रशस्त होता है।
रुद्राभिषेक की विधि और समय
सावन सोमवार या प्रतिदिन प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में रुद्राभिषेक करना श्रेष्ठ माना गया है। सबसे पहले शिवलिंग को जल और गंगाजल से स्नान कराएं, फिर दूध, दही, शहद, घी और शक्कर से पंचामृत स्नान कराएं। इसके बाद बेलपत्र, सफेद फूल, भस्म, धतूरा, आक आदि चढ़ाएं और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते रहें। अंत में आरती और शिव चालीसा का पाठ करें।
श्रावण मास में रुद्राभिषेक करना न केवल शिवभक्तों के लिए एक आध्यात्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह जीवन के समस्त दुखों और दोषों को समाप्त करने का सशक्त उपाय भी है। यदि आप अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि चाहते हैं, तो इस सावन रुद्राभिषेक द्वारा भोलेनाथ को प्रसन्न करें।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।