शनि के प्रकोप से परेशान हैं? शनिवार को करें इन मंत्रों का जाप, मिल सकता है राहत

शनि ग्रह को न्याय के देवता माना गया है, जो हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। अगर आपकी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है, तो जीवन में संघर्ष, बाधाएं और मानसिक तनाव बढ़ सकते हैं। ऐसे में शनिवार का दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस दिन कुछ विशेष शनि मंत्रों का जाप करने से नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है और सौभाग्य की प्राप्ति भी संभव है।
क्यों जरूरी है शनिवार को मंत्र जाप?
शनिवार को किया गया शनि मंत्रों का जाप न केवल शनि ग्रह के बुरे प्रभावों को शांत करता है, बल्कि जीवन में चल रही अनचाही रुकावटों, स्वास्थ्य समस्याओं और आर्थिक तंगी से भी मुक्ति दिला सकता है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जिनकी कुंडली में शनि नीच का है या अशुभ स्थिति में स्थित है।
शास्त्रों में भी उल्लेख मिलता है कि शनिवार को शनि देव की उपासना, तेल का दान, काले वस्त्र धारण करना और महामंत्रों का उच्चारण करना विशेष फलदायी होता है।
जानिए कौन से मंत्र देंगे आपको शनि कृपा
शनि के कष्टों से मुक्ति पाने के लिए निम्नलिखित मंत्रों का जाप अत्यंत प्रभावशाली माना गया है:
1. शनि बीज मंत्र
“ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”
इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप शनि की अनुकूलता प्रदान करता है।
2. शनि गायत्री मंत्र
“ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे महाकायाय धीमहि तन्नः शनिः प्रचोदयात्”
यह मंत्र शनि की स्थिति को संतुलित करता है और आंतरिक शक्ति बढ़ाता है।
3. हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ
शनि के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए हनुमान जी की आराधना भी अत्यंत लाभकारी होती है। विशेष रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि की पीड़ा शांत होती है।
मंत्र जाप से पहले रखें ये बातें ध्यान में
* मंत्र जाप से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
* काले तिल, सरसों का तेल और काले वस्त्र का दान करें।
* शनि मंदिर में दीपक जलाकर मंत्र जाप करें।
* जाप शांत वातावरण में एकाग्र होकर करें।
* 108 बार जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें।
नियमित मंत्र जाप से दूर होंगे शनि के दोष, जीवन में आएगा सकारात्मक बदलाव
अगर आप भी शनि से जुड़ी समस्याओं से ग्रस्त हैं और जीवन में शांति, सफलता और समृद्धि चाहते हैं, तो शनिवार के दिन उपयुक्त मंत्रों का जाप करें। श्रद्धा और निष्ठा से की गई साधना न केवल ग्रह दोषों को शांत करती है, बल्कि आत्मबल और मानसिक स्थिरता भी प्रदान करती है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।