सोमवार व्रत 1 सितंबर 2025: भगवान शिव-पार्वती की पूजा से मिलेगा सुख-समृद्धि और दांपत्य सुख

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाला सोमवार व्रत इस बार 1 सितंबर 2025 को मनाया जा रहा है। सोमवार का दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को श्रद्धा और नियमों से करने पर जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और दांपत्य जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
सोमवार व्रत का महत्व
सनातन धर्म में सोमवार का दिन शिव भक्तों के लिए विशेष होता है। इस दिन भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक, बेलपत्र अर्पण और मंत्र जाप करना शुभ फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि सोमवार व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में चल रही परेशानियां दूर हो जाती हैं। खासतौर पर अविवाहित युवतियां यह व्रत उत्तम वर की प्राप्ति के लिए करती हैं।
पूजा विधि और नियम
सोमवार व्रत पर प्रातःकाल स्नान कर के स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद और जल से अभिषेक करना शुभ रहता है। पूजन के दौरान भगवान शिव को बेलपत्र, आक का फूल, धतूरा और भस्म अर्पित करना चाहिए। साथ ही, माता पार्वती की पूजा कर सुहाग का श्रृंगार समर्पित करना अत्यंत मंगलकारी होता है। इस दिन "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है।
व्रत से मिलने वाले लाभ
शास्त्रों के अनुसार सोमवार व्रत करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है और परिवार में खुशहाली बनी रहती है। रोग-शोक और मानसिक तनाव दूर होता है। साथ ही, धन-धान्य और वैभव की प्राप्ति होती है। विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए इस व्रत को करती हैं, वहीं कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।