सूर्य ग्रहण 2025: 21 सितंबर को लगेगा साल का आखिरी ग्रहण, जानें समय, स्थान और राशियों पर प्रभाव

साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण कब लगेगा?
हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 का अंतिम ग्रहण खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा। यह ग्रहण आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को लग रहा है। इसकी शुरुआत 21 सितंबर 2025 की रात 10:59 बजे होगी और इसका समापन 22 सितंबर की मध्यरात्रि 3:23 बजे पर होगा। यानी यह खगोलीय घटना लगभग साढ़े चार घंटे तक चलेगी।
कहां दिखाई देगा यह सूर्य ग्रहण?
यह सूर्य ग्रहण दुनिया के कुछ विशेष हिस्सों में देखा जा सकेगा। खासकर न्यूजीलैंड, फिजी, अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया में यह ग्रहण प्रमुख रूप से दृष्टिगोचर होगा। भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए धार्मिक दृष्टि से यहां इसका विशेष प्रभाव नहीं माना जाएगा।
ज्योतिषीय दृष्टि से सूर्य ग्रहण का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है। इस बार का सूर्य ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में घटित होगा। इसलिए यह ग्रहण विशेष रूप से कुछ राशियों के लिए चुनौतियां लेकर आ सकता है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, मानसिक तनाव और आर्थिक उतार-चढ़ाव की संभावना बन सकती है।
किन राशियों पर भारी रहेगा यह सूर्य ग्रहण?
1. कन्या राशि – चूंकि ग्रहण आपकी ही राशि में लग रहा है, इसलिए इस अवधि में मानसिक दबाव, स्वास्थ्य समस्याएं और रिश्तों में तनाव देखने को मिल सकता है।
2. मीन राशि – नौकरीपेशा और व्यवसायिक जातकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक नुकसान की भी संभावना रहेगी।
3. मिथुन राशि – पारिवारिक जीवन में अशांति और अनावश्यक विवाद बढ़ सकते हैं। साथ ही निवेश करने से बचना चाहिए।
उपाय और सावधानियां
* ग्रहण के समय मंत्रजाप और ध्यान करना शुभ फलदायी माना गया है।
* जरूरतमंदों को दान-पुण्य करें, विशेष रूप से अन्न और वस्त्र का दान लाभकारी रहेगा।
* ग्रहण काल के दौरान खाना-पीना और यात्रा करने से बचें।
* ग्रहण समाप्ति के बाद घर में गंगाजल का छिड़काव करके शुद्धिकरण करना उत्तम होगा।
साल 2025 का अंतिम सूर्य ग्रहण खगोलीय दृष्टि से अद्भुत तो होगा ही, वहीं ज्योतिष के अनुसार यह कई राशियों के लिए सावधानी बरतने का संदेश भी देगा। सही उपाय और सतर्कता से इसके नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।