अब 4 महीने नहीं होंगे मांगलिक कार्य: विवाह और मुंडन पर रोक, जानिए कब से दोबारा मिलेंगे शुभ मुहूर्त

हर वर्ष की तरह इस साल भी चातुर्मास शुरू होने के साथ ही विवाह, मुंडन और अन्य शुभ कार्यों पर अस्थायी विराम लग गया है। 7 जुलाई 2025 से आरंभ हुआ चातुर्मास चार महीने तक चलेगा, और इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, नामकरण संस्कार आदि वर्जित माने जाते हैं। यह काल भगवान विष्णु की योगनिद्रा का समय होता है और धार्मिक रूप से इसे शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नहीं माना जाता।
क्यों नहीं होते चातुर्मास में शुभ कार्य?
पौराणिक मान्यता के अनुसार, देवशयनी एकादशी से लेकर देवउठनी एकादशी तक का समय, भगवान विष्णु का विश्राम काल माना जाता है। इस दौरान ब्रह्मांडीय ऊर्जा स्थिर रहती है और नई शुरुआत को असमर्थ माना जाता है। ऐसे में हिंदू धर्म में इस अवधि को पूजा-पाठ, तपस्या, व्रत और साधना के लिए उपयुक्त समय माना गया है, लेकिन मांगलिक कार्यों पर रोक लगाई गई है। न तो विवाह होते हैं और न ही मुंडन, गृह प्रवेश या अन्य संस्कार।
अगला शुभ मुहूर्त कब से होगा शुरू?
चार महीने तक चलने वाला चातुर्मास देवउठनी एकादशी के दिन समाप्त होता है, जो इस वर्ष 2 नवंबर 2025 को पड़ रही है। यही दिन से शुभ कार्यों की पुनः शुरुआत होती है। इस दिन को प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं और धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु अपनी योगनिद्रा से जागते हैं। इसके बाद विवाह और अन्य शुभ कार्यों के लिए फिर से मुहूर्त निकलने शुरू हो जाते हैं।
विवाह या मुंडन की योजना बना रहे हैं? ध्यान रखें ये बातें
यदि आपने इस वर्ष विवाह या मुंडन संस्कार की योजना बनाई है और तिथि चातुर्मास में पड़ती है, तो आपको नवम्बर तक प्रतीक्षा करनी होगी। 2 नवंबर 2025 के बाद पुनः शुभ मुहूर्त उपलब्ध होंगे, जिनमें विवाह, गृह प्रवेश, अन्नप्राशन, मुंडन जैसे सभी मांगलिक संस्कार किए जा सकते हैं। इस दौरान पंडित से उचित परामर्श लेकर सही तिथि और समय का चयन करना आवश्यक होगा।
चातुर्मास में करें आत्मिक साधना, शुभ कार्यों के लिए देवउठनी का करें इंतजार
विवाह और मुंडन जैसे संस्कार केवल सामाजिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक महत्व भी रखते हैं। इसलिए इन्हें शास्त्रों के अनुसार उचित मुहूर्त में ही करना चाहिए। चातुर्मास के इन चार महीनों में जहां शुभ कार्यों पर विराम है, वहीं यह समय ध्यान, साधना, व्रत और संयमित जीवन के लिए आदर्श है। शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए 2 नवंबर 2025 का इंतजार करें और भगवान की कृपा से अपने जीवन में मंगलमयी शुरुआत करें।
यह लेख/समाचार लोक मान्यताओं और जन स्तुतियों पर आधारित है। पब्लिक खबर इसमें दी गई जानकारी और तथ्यों की सत्यता या संपूर्णता की पुष्टि की नहीं करता है।