'जब तमीम ने टूटी अंगुली के बावजूद बल्लेबाजी की, तभी एशिया कप जीत लिया था'

बांग्लादेशी कप्तान मशरफे मुर्तजा ने एशिया कप 2018 के फाइनल से पहले कहा कि उन्हें भारत को बेहतर टीम करार देने में कोई हिचकिचाहट नहीं है. लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 'मैंने एशिया कप तभी जीत लिया था' जब तमीम इकबाल ने टूर्नामेंट के शुरूआती मैच में एक हाथ से बल्लेबाजी की थी. सलामी बल्लेबाज तमीम बांग्लादेश के कुछ खिलाड़ियों में से एक हैं जिनकी कमी शुक्रवार (28 सितंबर) को भारत के खिलाफ होने वाले मुकाबले में टीम को खलेगी.

तमीम के अलावा बांग्लादेश को ऑलराउंडर शकिब अल हसन की सेवाएं भी नहीं मिल पाएंगी. इनके अलावा मुर्तजा अंगुली में चोट और मुश्फिकर रहीम भी चोटिल होने के बावजूद खेलेंगे.

उन्होंने मैच की पूर्व संध्या पर कहा, ''ईमानदारी से कहूं तो जिस समय तमीम श्रीलंका के खिलाफ मुश्फिकर की मदद के लिए अंतिम खिलाड़ी के तौर पर मैदान पर उतरा तभी मैंने एशिया कप जीत लिया था.''

बांग्लादेश को 2016 में टूर्नामेंट के फाइनल में भारत से हार मिली थी जबकि चार साल पहले उन्हें इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में पाकिस्तान ने हराया था.

यह पूछने पर कि क्या उन्होंने भारत के खिलाफ अहम मुकाबलों के दौरान पिछली गलतियों से सीख ली है तो उन्होंने कहा, ''हर टूर्नामेंट का सफर अलग तरह का होता है, फिर चाहे इसमें 2012 में पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल हो या फिर 2016 में भारत के खिलाफ फाइनल. हर बार हमने कुछ मुश्किल हालात का सामना किया, इनसे निपटे और फाइनल में पहुंचे.''

उन्होंने कहा, ''इस टूर्नामेंट का यह सफर बहुत मुश्किल था क्योंकि हमने पहले मैच से खिलाड़ियों को चोटिल होने के कारण गंवाना शुरू कर दिया था. ये भी चिंताएं थी कि मुश्फिकुर रहिम भी खेलेंगे या नहीं, फिर भी वह फिट नहीं होने के बावजूद खेले. हमें उनसे सीख लेनी चाहिए. ''

बता दें कि भारत ने सुपर फोर के मुकाबले में बांग्लादेश को पराजित किया था. भारत ने 2016 में भी फाइनल में बांग्लादेश को हराकर अपना छठा एशिया कप खिताब जीता था. वहीं, बांग्लादेश तीसरी बार फाइनल में पहुंचा है. बांग्लादेश ने इससे पहले 2012 और फिर 2016 में एशिया कप के फाइनल में जगह बनाई थी.

भारत ने 1984, 1988, 1990-91, 1995, 2010 और 2016 में एशिया कप के खिताब अपने नाम किए हैं. बांग्लादेश पहली बार 2012 में इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा था, लेकिन पाकिस्तान से मात खा बैठा था.

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