वर्ल्ड कप की इन तीन घटनाओं ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया,
हर बार के क्रिकेट वर्ल्ड कप में बड़े रिकॉर्ड बनते टूटते हैं। क्रिकेटर्स और इसइवेंट से जुड़े लोग खूबसूरत यादों को समेट लेते हैं। वहीं, कई मौंकों पर स्पोर्ट्स जगत का यह सबसे बड़ा समारोह विवादों के चलते सुर्खियों में जगह बना लेता है। क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान कई ऐसे मौके आए हैं जब यह समारोह बदनाम हुआ है। आईए जानते हैं ऐसे ही क्रिकेट वर्ल्ड कप के तीन बड़े विवाद।
पाकिस्तान टीम के कोच बॉब वूल्मर की मौत
2007 के क्रिकेट वर्ल्ड कप में पाकिस्तान को कप का बड़ा दावेदान माना जा रहा था। वर्ल्ड कप के दौरान एक ही ग्रुप में शामिल रहे पाकिस्तान और आयरलैंड के बीच मैच होना था। माना जा रहा था कि पाकिस्तान इस मैच को आसानी से जीतकर आयरलैंड को करारी शिकस्त देगा। लेकिन मैच के दौरान हुआ इसके उल्टा ही। आयरलैंड से पाकिस्तान की क्रिकेट टीम बुरी तरह से हार गई। पाकिस्तान के लिए बेहद अहम रहे इस मैच से वह वर्ल्ड कप से बाहर हो गया। हार के बाद पाकिस्तानी कोच बॉब वूल्मर का मृत शरीर उनके होटल में पाया गया। पुलिस ने अपनी शुरुआती जांच में वूल्मर की हत्या करने का शक जताया था। उनकी संदिग्ध मौत से 2007 का वर्ल्ड कप सुखिर्यों में आ गया।
श्रीलंका में बम ब्लास्ट
1996 में चल रहे क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान श्रीलंका में जबरदस्त तरीके से बम ब्लास्ट किए गए। इससे पूरा विश्व सकते में आ गया। इस घटना ने क्रिकेट जगत को हिला कर रख दिया। दरअसल, इस दौरान श्रीलंका वर्ल्ड का मेजबान देश था। लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) ने श्रीलंका के कोलंबो में सेंट्रल बैंक पर हमला कर दिया। यहां धमाकों के बाद आस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज टीम प्रबंधन ने अपनी क्रिकेट टीमों को वर्ल्ड कप में खेलने से रोक दिया। बम ब्लास्ट से क्रिकेट जगत को भारी नुकसान हुआ। इन दोनों टीमों के न पहुंचने से श्रीलंका बिना मैच खेले ही शीर्ष पर पहुंच गया। फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर श्रीलंका ने वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम कर लिया।
ऑस्ट्रेलियाई बॉलर शेन वार्न पर प्रतिबंध
साउथ अफ्रीका, जिम्बांब्वे और केन्या की मेजबानी में 2003 में होने वाले वर्ल्ड कप से पहले ही शेन वॉर्न को प्रतिबंधित दवा के सेवन का दोषी करार पाया गया। आस्ट्रेलिया के इस दिग्गज स्पिनर पर आईसीसी ने एक साल का प्रतिबंध लगा दिया। यह प्रतिबंध ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के लिए बड़ा झटका था। क्योंकि शेन वॉर्न उन दिनों बेहतरीन फार्म में चल रहे थे। उस वक्त वह आईसीसी के शीर्ष गेदबाजों की लिस्ट में शुमार थे। प्रतिबंध लगने के बाद ऑस्ट्रेलिया टीम प्रबंधन शेन वार्न को साउथ अफ्रीका से वापस बुला लिया। यह वर्ल्डकप का आठवां संस्करण था।