INDvsWI: उमेश यादव ने अकेले संभाली तेज गेंदबाजी, 6 विकेट लेकर बनाए रिकॉर्ड

हैदराबाद: भारत और वेस्टइंडीज के बीच हैदराबाद में चल रहे टेस्ट मैच में टीम इंडिया के तेज गेंदबाज उमेश यादव ने एक खास उपलब्धि हासिल की. उमेश ने वेस्टइंडीज की पारी में छह विकेट लिए जिससे वेस्टइंडीज की पहली पारी 311 रनों पर सिमट सकी. इस मैच में पहले दिन जब वेस्टइंडीज ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया तब किसी को उम्मीद नहीं थी कि मेहमान टीम इंडिया के गेदाबाजों को कड़ी टक्कर देगी. उमेश ने इस पारी में 6 विकेट लने की उपलब्धि हासिल की.
इस उपलब्धि के साथ उमेश भारत के ऐसे पहले तेज गेंदबाज बन गए हैं जिन्होंने साल 2000 के बाद टीम इंडिया के लिए एक पारी में 6 विकेट लिए हैं. मैच के पहले दिन जहां वेस्टइंडीज के बल्लेबाज भारतीय स्पिनर्स की खबर ले रहे थे. उमेश धीरे धीरे विकेट लेते रहे लेकिन अंतिम तीन विकेट उमेश ने जल्दी लेकर वेस्टइंडीज को केवल 311 रनों पर रोक दिया. उमेश ने क्रैग ब्रैथवेट, शाई होप, रोस्टन चेस, कप्तान जेसन होल्डर, देवेंद्र बिशु और शैनन गैब्रियल को आउट किया.
अकेले ही संभाली उमेश ने तेज गेंदबाजी
टीम इंडिया हमेशा की तरह इस मैच में भी टीम इंडिया दो तेज गेंदबाजों के साथ उतरी थी, लेकिन केवल 10 गेंद फेंकने के बाद उमेश के साथी तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर 10 गेंद फेंकने के बाद चोटिल होकर मैदान से बाहर हो गए जिससे इस पूरी पारी में उमेश के ही कंधों पर तेज गेंदाबाजी का भार आ गया. उमेश ने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया और पहले दिन वेस्टइंडीज के सात में तीन विकेट चटकाए और फिर दूसरे दिन केवल 6 ओवर के भीतर ही बाकी तीन विकेट भी अपने नाम कर लिए.
उमेश ने अपने ही बेस्ट प्रदर्शन का बेहतर किया. इससे पहले साल 2012 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में 93 रन देकर 5 विकेट लिए थे. इस बार उमेश ने केवल 88 रन देकर 6 विकेट लिए. इसके पहले उमेश चार बार चार विकेट ले चुके हैं. पांच विकेट केवल एक ही बार ले सके हैं उमेश.
उमेश ने कल ही कहा था..
उमेश ने दूसरे टेस्ट के पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद प्रेस काफ्रेंस में कहा था, ''यदि आप कह रहे हैं कि निचले क्रम ने रन बनाए हैं तो आपको समझना होगा कि इस तरह की सपाट पिचों पर एसजी टेस्ट गेंदों से खेलना मुश्किल है. इससे रफ्तार या उछाल नहीं मिलती.'' उन्होंने कहा था, ''आप एसजी गेंद से एक ही जगह पर गेंद डाल सकते हैं लेकिन पिच से मदद नहीं मिलने पर कुछ नहीं हो सकता. मध्य और निचले क्रम के आने पर गेंद नरम हो जाती है और बल्लेबाजी आसान हो जाती है.'' उन्होंने कहा, ''पुछल्ले बल्लेबाजों को पता है कि गेंद ना तो स्विंग लेगी और ना ही रिवर्स. आपको बस प्रयास करते रहना होता है. बड़े मैदान पर ऐसा नहीं हो सकता.''
इस पारी में वेस्टइंडीज के रोस्टन चेस ने शानदार शतक लगाया था. उनके अलाना कप्तान जेसन होल्डर ने भी अर्द्धशतक लगाया. इसके अलावा शॉव डॉवरिच ने भी चेस के साथ 69 रनों की साझेदारी की. डॉविरच ने 30 रनों की पारी खेली थी.