आतंकियों से मुठभेड़ में घायल बेटे की वीरता पर पिता को गर्व

आतंकियों से मुठभेड़ में घायल बेटे की वीरता पर पिता को गर्व
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देहरादून: कश्मीर में हिजबुल के शीर्ष कमांडर समीर टाइगर और आकिब खान को ढेर करने वाली टीम में शामिल मेजर रोहित शुक्ला के जख्मी होने की खबर से उनके पिता एडवोकेट ज्ञान शुक्ला चिंतित नहीं हैं। वह कहते हैं मैं खुश हूं कि रोहित ने देश के दुश्मनों का सफाया किया। वह सिर्फ मेरा ही नहीं, देश का भी बेटा है और देश उसके साथ है।

देहरादून के इंदर रोड निवासी ज्ञान शुक्ला और उनकी पत्नी विजयलक्ष्मी पेशे से वकील हैं। ज्ञान शुक्ला बताते हैं कि उनका परिवार मूलरूप से कानपुर (उप्र) के ग्राम रैना पोस्ट सरसौल का रहने वाला है। उन्होंने बताया कि सोमवार शाम उनकी रोहित से फोन पर बात हुई, तभी उन्हें घटना का पता चला। रोहित ने पिता को बताया कि 'कलाई पर गोली लगी है, लेकिन घबराने की बात नहीं है। मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं।' ज्ञान शुक्ला बताते हैं कि मंगलवार को पति-पत्नी रोज की तरह कचहरी आए और प्रैक्टिस की। ज्ञान शुक्ला के दो बच्चों में रोहित बड़े हैं और बेटी श्वेता अभी पढ़ाई कर रही है। वह कहते हैं कि मेरे लिए इससे बड़ा फख्र और क्या हो सकता है कि मैं रोहित का पिता हूं। रोहित का सेना के अस्पताल उपचार चल रहा है।

मार्च में राष्ट्रपति ने प्रदान किया शौर्यचक्र
यह पहला मौका नहीं है जबकि मेजर रोहित ने अपनी जांबाजी से दुश्मनों के दांत खट्टे किए हों। इससे पहले भी वह ऐसा हौसला कई बार दिखा चुके हैं। इसके लिए बीती 27 मार्च को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मेजर रोहित शुक्ला को शौर्य चक्र प्रदान किया। राष्ट्रपति भवन में हुए समारोह में उनके माता-पिता तो नहीं पहुंच सके, लेकिन बहन श्वेता गौरवान्वित करने वाले पल की साक्षी बनी। तीस मार्च को रोहित माता-पिता का आशीर्वाद लेने दून आए। यहां बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल, सचिव अनिल शर्मा समेत तमाम अधिवक्ताओं ने उनका अभिनंदन किया था।
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