चाय बेचकर यह युवक बना पीसीएस अधिकारी, जानिए संघर्ष की कहानी
- In उत्तराखंड 6 May 2018 11:43 AM IST
जीवन की ठोकरों से सबक लेते हुए...Editor
जीवन की ठोकरों से सबक लेते हुए न सिर्फ मंजिल हासिल करना बल्कि औरों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन जाना.. जीना इसी का नाम है। कभी व्यापारी की दुकान में बैठ खाता-बही संभाली तो कभी पिता की छोटी-सी दुकान में बैठ चाय बेचने का काम किया। लेकिन, जीवन के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया था, उसे पाने के लिए मेहनत करने से कभी पीछे नहीं हटा। नतीजा, जो छात्र इंटरमीडिएट की परीक्षा में फेल हो गया था, वही आज उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपी-पीसीएस लोअर) की परीक्षा पास कर श्रम प्रवर्तन अधिकारी बन गया है।
हम बात कर रहे हैं पौड़ी जिले के नैनीडाडा ब्लॉक की ग्राम पंचायत बड़ेथ निवासी अरविंद सिंह नेगी की। अरविंद ने वर्ष 2003 में हाईस्कूल की परीक्षा द्वितीय श्रेणी में पास की। वर्ष 2005 में इंटरमीडिएट की परीक्षा दी, किंतु असफल रहे। हालाकि, इस असफलता से अरविंद निराश नहीं हुए, बल्कि नए जोश से इंटरमीडिएट परीक्षा की तैयारी की और प्रथम स्थान भी हासिल किया। इसके बाद तो उन्होंने मेहनत को ही जीवन का मूलमंत्र बना दिया। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, इस कारण अरविंद मेरठ जाकर पिता की छोटी-सी चाय की दुकान में हाथ बंटाने लगे।
इसी अवधि में उन्होंने मेरठ से ही बीकॉम व एमकॉम की डिग्री भी हासिल की। अरविंद ने व्यापारियों के बहीखाते भी संभाले, लेकिन जल्द उन्हें अहसास हो गया कि इससे मंजिल नहीं पाई जा सकती। सो, लेखा कार्य छोड़ फिर पिता का हाथ बंटाना शुरू कर दिया। साथ ही पीसीएस (लोक सेवा आयोग) की तैयारी भी करने लगे। काम के दौरान भी अरविंद का पूरा ध्यान मंजिल पर रहता था। वर्ष 2013 में पहली बार पीसीएस की परीक्षा दी, लेकिन सफलता नहीं मिली।
वर्ष 2015 में उन्होंने फिर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपी-पीसीएस लोअर) की परीक्षा दी। परीक्षा के परिणाम हाल ही में घोषित हुए हैं, जिसमें अरविंद का चयन श्रम प्रवर्तन अधिकारी के पद पर हुआ है। हालाकि, उन्हें अभी वर्ष 2016 में दी गई पीसीएस (अपर) परीक्षा के परिणामों का इंतजार है। जबकि, वर्ष 2017 पीसीएस का मेन एग्जाम देना भी बाकी है। पिता त्रिलोक सिंह नेगी को पूरी उम्मीद है कि अरविंद हर परीक्षा में सफल होंगे।
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