आज से आमरण अनशन पर शिक्षक, विभिन्न मांगों को लेकर दफ्तरों में की तालाबंदी
- In उत्तराखंड 31 July 2018 12:58 PM IST
मांगों पर कार्रवाई न होने से नाराज राजकीय शिक्षक संघ ने मंगलवार को निदेशालय और मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालयों पर तालाबंदी की। निदेशालय में तालाबंदी के बाद संघ पदाधिकारियों ने आमरण अनशन शुरू किया। यह अनशन पूरे राज्य में किया जा रहा है।
बता दें कि विभिन्न मांगों को लेकर शिक्षक 21 जुलाई से निदेशालय में क्रमिक अनशन कर रहे हैं। इस दौरान एडी बेसिक वीएस रावत के सामने शिक्षकों ने अपना पक्ष रखा। कहा कि पिछले दो साल से इन मांगों को लेकर राज्य सरकार उन्हें टरका रही है। अब सरकार संघ से वार्ता करने से बच रही है। उत्तराखंड शिक्षक, कार्मिक, आउटसोर्स मोर्चा, एजुकेशनल मिनिस्टीरियल कर्मचारी संघ, और जूनियर शिक्षक संघ ने आमरण अनशन को समर्थन दिया है।
सोमवार को निदेशालय में संघ के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष रविंद्र सिंह राणा और प्रदेश कोषाध्यक्ष अनुज चौधरी क्रमिक अनशन पर बैठे। संघ अध्यक्ष कमल किशोर डिमरी की अध्यक्षता में शिक्षक नेताओं ने बैठक आयोजित कर मंगलवार के आंदोलन की रणनीति तय की।
महामंत्री डा. सोहन सिंह माझिला ने बताया कि मंगलवार को सुबह 10 बजे प्रदेश और मंडल कार्यकारिणी के पदाधिकारी राजधानी स्थित शिक्षा निदेशालय में तालाबंदी कर विरोध जताएंगे। इसके बाद 21 जुलाई से चल रहे क्रमिक अनशन को आमरण अनशन में बदल दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी जिला पदाधिकारी अपने-अपने जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालयों पर तालाबंदी करेंगे। शिक्षक नेताओं ने कहा कि सरकार उनके आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रही है, लेकिन वह किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे। उधर, एजुकेशनल मिनिस्टीरियल कर्मचारी संघ ने शिक्षकों के आंदोलन का समर्थन दिया है।
तालाबंदी करना गलत : निदेशक
निदेशक आरके कुंवर ने राजकीय शिक्षक संघ अध्यक्ष कमल किशोर डिमरी और महामंत्री डा. सोहन सिंह माझिला को पत्र जारी कर तालाबंदी को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की ज्यादातर मांगों पर पहले ही सहमति बन चुकी है। उनको पूरा करने की दिशा में कार्रवाई की जा रही है। निदेशक ने कहा कि राज्य के कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। संघ के आंदोलन के कारण पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसलिए शिक्षकों को छात्र हित में क्रमिक अनशन समाप्त कर तुरंत विद्यालयों में लौटकर पठन-पाठन कार्य में जुटना चाहिए।
तालाबंदी करने वाले शिक्षकों पर होगी एफआईआर
राजकीय शिक्षक संघ के तालाबंदी के एलान पर शिक्षा विभाग ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। निदेशक विद्यालयी शिक्षा आरके कुंवर ने सभी मंडल, जिला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को पत्र भेजकर तालाबंदी करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं, एसएसपी को पत्र भेजकर निदेशालय में पुलिसबल तैनात करने का आग्रह किया गया है।
निदेशक आरके कुंवर ने कहा कि राज्य और जिले के किसी भी कार्यालय में तालाबंदी राजकीय कार्यों में बाधा डालने का प्रयास है, जिस पर विभाग संबंधित शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगा। उन्होंने सभी जिला और ब्लॉक कार्यालय में सुरक्षा को देखते हुए पुलिस प्रशासन से संपर्क करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा कार्यालयों में तालाबंदी होने की दशा में उसकी वीडियोग्राफी करने और संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा निदेशक ने सभी प्रधानाचार्यों को बिना अवकाश स्वीकृत कराए विद्यालयों से गायब शिक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने ऐसा न करने वाले प्रधानाचार्यों के खिलाफ भी कार्रवाई को कहा है। साथ ही निजी, विशेष या चिकित्सा अवकाश लेकर धरना प्रदर्शन में शामिल होने वाले शिक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी डीईओ (माध्यमिक), खंड शिक्षा अधिकारी और उप खंड शिक्षा अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों का भ्रमण करेंगे। इस दौरान कहीं भी उक्त स्थिति मिलने पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।