रोहिंग्या के हरिद्वार में होने की सूचना से सरकार चौकन्नी, घुसपैठियों की होगी पहचान
- In उत्तराखंड 5 Aug 2018 12:11 PM IST
हरिद्वार जनपद में रोहिंग्या की घुसपैठ की आशंका के बाद अब सरकार प्रदेशभर में घुसपैठियों की पहचान करेगी।
सरकार को अंदेशा है कि देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जनपद में बड़ी संख्या बाहरी लोग आकर बसे हैं। पिछले डेढ़ दशक के दौरान प्रदेश में इनकी आमद में भारी बढ़ोतरी हुई है। सरकार को यह भी सूचना है कि इनमें से तकरीबन सभी के पास राशन कार्ड, आधार कार्ड और फोटो पहचान पत्र भी हैं। इसलिए उनकी वास्तविक पहचान जानने के लिए सरकार उन स्थानों से सूचनाएं जुटा सकती है, जहां के वे मूल निवासी हैं।
सूत्रों के मुताबिक भाजपा विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन की सूचना के बाद सरकार ने रोहिंग्या की घुसपैठ की जांच के आदेश दे दिए हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि हरिद्वार में रोहिंग्या की घुसपैठ को लेकर हालांकि कोई इनपुट नहीं मिला है, लेकिन ऐसी आशंका के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने जांच के निर्देश दे दिए हैं। हालांकि घुसपैठियों की पहचान के सवाल को उन्होंने यह कहकर टाल दिया कि देश के बाहर से प्रदेश में आने वाले लोगों पर स्थानीय प्रशासन की नजर होती है और इसकी एक प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जिलाधिकारियों को पहले से ही दिशा-निर्देश हैं।
रोहिंग्या की घुसपैठ को लेकर सरकार के पास कोई इनपुट नहीं
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) की रिपोर्ट के जरिए यह तथ्य आम होने कि असम में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी बस गए हैं। उनके पास राशनकार्ड, आधार जैसे दस्तावेज हैं। यही नहीं उनका नाम भी वोटर लिस्ट में हैं।
इसके साथ ही अन्य राज्यों में भी इस पर बहस शुरू हो गई है कि क्या उनके यहां भी बंग्लादेशी बसे हैं। उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं रह गया । कुछ सुरक्षा तो कुछ राजनीतिक कारणों से इस मुद्दे पर स्थानीय सरकार का तेवर भी सख्त नजर आने लगा है। अब पुराने इनपुट्स से नए तथ्यों को जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, जांच एजेंसियों के माध्यम से सरकार को समय-समय पर ऐसी सूचनाएं मिलती रही हैं कि आबादी बहुल हरिद्वार, देहरादून और ऊधमसिंह नगर जनपद में बांग्लादेश के नागरिकों ने अवैध रूप से प्रवेश किया है। वोट बैंक की राजनीति के प्रभाव में उनके राशन कार्ड, पहचान पत्र और आधार कार्ड तक बनवा दिए गए हैं।
सूत्रों की मानें तो बांग्लादेशियों की ये घुसपैठ 70 के दशक के बाद से लगातार जारी है। ऐसे संकेत हैं कि सरकार अब घुसपैठियों को चिन्हित करने का अभियान चला सकती है। इस अभियान के तहत संदिग्ध लोगों से उनके मूल स्थानों के बारे में जानकारी जुटाई जा सकती है और उस जानकारी के आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि वे वहां के नागरिक हैं भी कि नहीं।
रोहिंग्या की घुसपैठ को लेकर सरकार के पास कोई इनपुट नहीं हैं। लेकिन चूंकि ऐसी शंका है, इसलिए मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच की कार्रवाई गतिमान है। जिलाधिकारियों को पहले से दिशा-निर्देश हैं कि यदि कहीं विदेशी नागरिकों के अवैध प्रवेश सूचना मिलती है तो वे तत्काल कार्रवाई करेंगे।