मरने के बाद भी पांच लोगों को नई जिंदगी दे गया सेना का जवान, इस तरह से दिल्ली पहुंचाएं उनके अंग
- In उत्तराखंड 2 Sept 2018 12:40 PM IST
दून से जौलीग्रांट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर सेना ने पांच लोगों को नई जिंदगी प्रदान की है। यहां मिलिट्री हॉस्पिटल में ब्रेन डेड घोषित कर दिए गए सेना के एक सिपाही की किडनी, लिवर और दोनों आंखें दिल्ली स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती दूसरे गंभीर मरीजों को ट्रांसप्लांट कर दिए गए।
सेना की इस शानदार जीवन रक्षा पहल की हर कोई तारीफ कर रहा है। सेना की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, बीते 24 अगस्त को सेना के एक सिपाही को मिलिट्री हॉस्पिटल देहरादून में ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था। 25 अगस्त को आर्मी हॉस्पिटल दिल्ली से रिसर्च और रेफरेल की विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम वायुसेना के विमान से देहरादून पहुंची। इसके बाद स्थानीय पुलिस और यातायात पुलिस की मदद से मिलिट्री हॉस्पिटल से जौलीग्रांट एयरपोर्ट तक को ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।
विशेषज्ञों की टीम ब्रेन डेड मरीज के किडनी, लीवर और दोनों आंखें लेकर वायुसेना के विमान से तत्काल दिल्ली स्थित आर्मी हॉस्पिटल पहुंची। वहां भर्ती पांच मरीजों को ये अंग ट्रांसप्लांट कर दिए गए। इसे सेना की बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है। खास बात यह है कि इस पूरी प्रक्रिया में भारतीय सेना, वायु सेना, पुलिस और उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग के बीच बेहतरीन तालमेल नजर आया।
यह होता है ग्रीन कॉरिडोर
ग्रीन कॉरिडोर की आवश्यकता तब पड़ती है, जब आपात स्थिति में कोई मानव अंग जैसे दिल या लिवर को प्रत्यारोपण के लिए एक से दूसरे स्थान तक कम समय में ले जाने की आवश्यकता होती है। ग्रीन कॉरिडोर अस्पताल के कर्मचारियों और पुलिस के आपसी सहयोग से अस्थायी रूप से तैयार किया जाना वाला एक रूट होता है, जिसमें कुछ देर के लिए ट्रैफि क पुलिस के सहयोग से निर्धारित मार्ग पर यातायात रोक दिया जाता है या नियमित कर दिया जाता है ताकि एंबुलेंस को एक से दूसरी जगह जाने के लिए कम से कम समय लगे। ऐसे में एंबुलेंस चालक का काफ ी अनुभवी और प्रशिक्षित होना जरूरी होता है।
सेना से लेकर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के तमाम अधिकारियों ने बेहतरीन तालमेल दिखाते हुए जीवन रक्षा के इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। अंग प्रत्यारोपण में शामिल सभी चिकित्सकों को इस कार्य के लिए बधाई और शुभकामनाएं। भविष्य में भी जीवन रक्षा की यह पहल जारी रहनी चाहिए।